Thursday, May 30, 2019

Change Yourself Don't Try to Others.


Friends हम अपने दुःख के लिए हमेशा किसी दूसरे को Responsible मानते हैं और सुख के लिए खुद को।
जब कोई हमें हंसाएगा तब हसेंगे जब कोई रुलाएगा तो रोयेंगे, हम अपनी Feeling को बिल्कुल मारते चले जा रहे है।

कहीं न कहीं हम हमेशा किसी दूसरे को ही Change करने में लगे हैं, शायद इसलिए क्योंकि हम बाहरी दुनिया से ज्यादा Connected हैं बजाय अंदरूनी दुनिया के। हम अपनी खुशियों की चाभी किसी और को दिए हुए हैं, कोई दूसरा हमारे साथ कैसा व्यवहार कर रहा है इसी पर हमारी खुशी हमारा दुख सब Depend है।

●सामने वाला कैसा व्यवहार करेगा ये Depend करता है कि हमारा image उस इंसान के सामने कैसा है, अगर वो हमें महत्वपूर्ण समझता है तो Respect से बात करेगा, सामान्य इंसान समझेगा तो Normal बात करेगा और अगर घटिया इंसान समझेगा तो बुरा व्यवहार करेगा, और इसी कारण से सामने वाले कि बात हमें Effect करती है और हम खुश या दुखी होते हैं।
हमेशा से ये कहा जाता है कि अगर हम अपना Respect  करेंगे तो लोग भी हमारा Respect करेंगे। अब बहोत ही Deeply समझने की जरूरत है कि Selfrespect किसे कहते हैं।

●Friend's Selfrespect (खुद को इज्जत देना) को हम Maximum Time ego से जोड़कर देखते हैं, जब हम अपने काम को करते समय Selfrespect को नहीं छोड़ते तो लोग हमारे बारे में यही सोचते हैं कि इसके में EGO है,और शायद हम भी दूसरों के बारे में ऐसा ही सोचते हैं जब वो खुद को इज्जत देता है। फिर बात और भी बिगड़ते चली जाती है। तो इसका सही इलाज क्या है?- हम खुद को कैसे खुश रखें ऐसा क्या करें कि हम खुद के कंट्रोल में रहें, अपनी खुशी, अपना दुःख, अपना Emotion अपने विचार से हम खुद को Drive करें।
                             

1:-Selfrespect
2:-Ego

हमें इन दोनों के बारे में बहोत बारीकी से और आराम से सोचने-समझने की कोसिस करनी चाहिए।

◆Selfrespect मतलब की हम अपनी तो इज्जत करें लेकिन उससे किसी को ठेस ना पहुँचे।

◆Ego का मतलब है कि हम अपने को इतना Special समझने लगे कि किसी दूसरे को क्या Feel होता है, उसे क्या अच्छा लगेगा या क्या बुरा इसका ध्यान न रखते हुए हम अपना काम किये जा रहे हैं या काम करने का ढोंग कर रहे हैं।

●Friend's जब हम आपकी इज्जत करते हैं तो हम दूसरों की भी इज्जत करते हैं और उस Time पर हम ये समझ लेते हैं कि सामने वाला हमें कितना Control कर पा रहा है और अगर ये बात समझ आ गयी तो हम ये भी समझ सकते हैं कि क्या सच मे सामने वाले कि बात हमें दुःखी करने वाली है?
 सामने वाले के बात का खुद पर कितना Effect होना चाहिए ये हम खुद Deside करते हैं।
                                

"हम खुद को Control कर सकते हैं हमें अपनी खुशी के लिए किसी और पर Depend होने की जरूरत नहीं होगी।"

Friends मैंने एक चीज Notice की है, कभी-कभी हम सब अपने Birthday पर इस लिए दुःखी हो जाते हैं क्योंकि हमारा सबसे अच्छा दोस्त हमें Wish नहीं किया या हमारे पापा, या मम्मी, या भाई, या बहन नें हमें Wish करने में late कर दिये या भूल गए।
हमें ये समझना होगा कि किसी का Wish करना या किसी का हमारे लिए कुछ अच्छा बोलना एक आशीर्वाद है और अगर आशीर्वाद भी हम आने तरीके से लेने की कोशिश करने लगे तो उस आशीर्वाद में Feel कहा रह जायेगा फिर तो सब कुछ Artificial लगेगा ना।

फिर उसमें वो रस कहा रहेगा, वो विश्वाश कहा रहेगा, वो प्यार कहाँ रहेगा। हमें अपने एक एक Moment को, अपनी Feel के साथ जीना होगा और अगर उसमे कोई सम्मिलित हो जाये तब तो बहोत ही अच्छी बात होगी और खुशी कई गुना बढ़ जाएगी
है ना।