Friday, April 24, 2020

गरीब Vs अमीर Mind Set

इस बात से बिल्कुल भी इंकार नहीं किया जा सकता कि हम जो कुछ भी हैं जैसे भी हैं अपनी मानसिकता के कारण ही हैं।हमारे दिमाक में जो चीज जितनी प्रबलता से पनपती है वही हमारे जीवन में होती रहती है। स्वामी विवेकनंद जी कहते हैं कि
"हम जैसा सोचते हैं एक दिन वैसे ही बन जाते हैं।"

आज हम बात कर रहे हैं गरीब और अमीर मानसिकता के बारे में।

हम सब जानते हैं कि लोग या तो गरीब होते हैं या अमीर। लेकिन मानसिकता भी गरीब और अमीर होती है ये थोड़ी सी नई और गौर करने वाली बात है। अगर हम  स्वामी विवेकानंद जी के विचारों से समझने की कोशिस करें तो ऐसा समझ आता है कि-

गरीब मानसिकता का मतलब की अगर हम छोटी छोटी बातों पर हर वक्त फायदे और नुकसान के बारे में सोचते हैं, हर वक्त चीजों को Calculate करके देखें, और थोड़ा सा घाटा होने पर Over React करते हैं तो ये गरीब सोच वाली मानसिकता है। और अगर हम ऐसा सोचते हैं तो एक न एक दिन गरीबी हमें जरूर घेरेगी। मतलब कि हमारा भविष्य अंधकार में है। लेकिन दूसरी ओर

अमीर मानसिकता का मतलब बिल्कुल इसका उल्टा, हम खुले मिजाज के बनें, हर छोटी छोटी से बातों पर घाटे और फायदे के बारे में न सोचकर दूर दृष्टि रखें तो ये अमीर सोच की मानसिकता कहलाएगी।

आज आप क्या हैं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता आप कैसे सोचते हैं और क्या बनना चाहते हैं इससे बहोत फर्क पड़ता है। एक छोटी से Situation से समझने की कोशिस करते हैं।

अगर एक गरीब व्यक्ति अपने परिवार के लिए कुछ 27 रुपये का सामान लिया और 50 कि नोट देखकर ये Calculate नहीं करता कि कितना बचा तो वह अमीर मानसिकता का है और अगर कोई अमीर व्यक्ति 1923 रूपये का सामान लेकर 2000 का नोट देकर तुरंत लगता है Calculate करने तो वह गरीब मानसिकता का है, ये मानसिकता ही हमें मंजिल तक ले जाती है।
यहां बात गणित में तेज या कमजोर होने की नहीं है बल्कि Calculate करने की आदत का है।
ये छोटी छोटी बातें हमें बताती हैं कि हम किस ओर जा रहे हैं,
कुछ लोगों को इस बात का बहोत Tension होता है
"मेरी गाड़ी 7 साल पुरानी हो गई है और इतना जल्दी बहोत कम Average देने लगी।"

चेक कीजिये साहब 7 साल "इतनी जल्दी" वाले Catagory में नहीं आती।

यहां बात केवल गरीब और अमीर की नहीं हो रही है ये तो एक आधार है समझाने के लिए है कुछ ऐसे ही हम सब जीवन के सभी क्षेत्र में करते हैं।
कुछ भी करने के लिए 80% तो केवल मानसिकता को बनाने में और बनाये रखने में ऊर्जा खत्म होती है बाकी तो 20% केवल काम करना होता है।

हो सकता है ये बात थोड़ी अजीब लगे लेकिन कुछ महान करने के लिए अजीब आदतों का होना भी बहोत जरूरी है साहब।

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