Tuesday, December 31, 2019

Accept your present conditions.



आज जो कुछ भी आप हैं वो आप ही हैं, और कल जो कुछ भी आप होंगे वो खुद ही होंगे। ये एक ऐसी सच्चाई है जिससे मुह नहीं मोड़ा जा सकता, आज आपकी Physical, Financial, Mental, Spiritual स्थिति जैसी भी है आपके अपने कर्मों के वजह से है। अगर आपको लोग प्यार करते हैं तो आपके कर्मों के वजह से, अगर आपसे नफ़रत करते हैं तो आपके कर्मों के वहज से, लेकिन हम सब उन चीजों को बदलने में परेशान हैं जो हमारे हाथ में नहीं है, और जो कुछ भी हमारे हाथ में है उसे बदलने के बारे में कुछ भी नहीं सोच रहे हैं।

दोस्त कुछ चीजें हमारे पास ऐसी होती हैं जो हम बदल नहीं सकते जैसे कि, हमारे शरीर का रंग, हमारे आँखों का रंग, हमारी आवाज। ऐसी तमाम चीजें हैं जिसे बदल पाना हमारे हाथ में नहीं है। ये सबकुछ Nature का दिया हुआ है। आज जो भी Natural चीजें हैं वो अपने आप में, वातावरण के अनुसार बहोत ही संतुलित हैं और सभी के लिए अच्छी हैं, अगर आपका रंग काला है,बहोत गोरा है, आप बहोत लंबे हैं, छोटे हैं जो भी हैं आप Nature का सबसे Best Creation हैं।
अगर आपका Age ज्यादा हो गया है तो चेहरे पर झुर्रिरियाँ हैं तो ये Natural है इसे सच्चे दिल से पूरी तरह से Conscious हो कर
Accept करें। हर वो चीज जो Natural है उसे सच्चे दिल से ऊपर वाले को शुक्रिया करके, धन्यवाद देकर Accept करना चाहिए।

■ कुछ चीजें ऐसी होती हैं जो कि हम अपने Life में खुद जोड़ते हैं, अनुमति देते हैं ऐसी चीजों को हमारे Life में, हमारे जीवन में आये। जैसे Health, Friends, Financial Condition, Life-Partner etc. दोस्त आज़तक जो कुछ भी हुआ, जो कुछ भी अपने किया, जाने में या अंजाने में उसके वजह से आज आपकी ये Conditions बानी हुई है। वो अच्छी है या बुरी है लेकिन उसके लिए Responsible आप ही हैं और आप Natural हैं। इसका मतलब की जो कुछ भी हुआ आज तक उसमें Nature का बहोत बाद हाथ था, हाँ ये बात 100% सही है कि Direction अपने दिया था तो दोस्त आज की अपनी स्थिति को सच्चे दिल से Accept करें। बेइंतहां प्यार करें खुद से Accept करें अपनी उपलब्धियों को और अपनी कमियों को भी।

 और फिर जोर लगाकर, पूरी ताकत से, ऊपर वाले को धन्यवाद देकर-
@ बदल दो हर वो चीज जो खुद को पसंद न हो।
@ तोड़ दो हर वो बंधन जो जकड़े हुए है।
@ फाड़ दो हर वो पर्दा जो तुम्हें रोके हुए है।


दोस्त आज हम सब कहीं ना कहीं कुछ न कुछ कर रहे हैं, कोई Study कर रहा है कोई Job कर रहा है, कोई Business कर रहा है। और वहाँ हमारी कोई न कोई Position है। और Maximum लोग अपनी Position से खुश नहीं हैं। जरा सोचिए कि हम क्या कर रहे हैं! अपने आपके साथ, अपने काम के साथ, जाने अंजाने में हम खुद को, अपने काम को, अपनी Position को गाली दे रहे हैं खुद की बेइज्जती खुद ही कर रहे हैं। जरा गौर से देखिए, जिस भी मुकाम पर आप हैं, जिस भी स्थिति में आप हैं वो कई लोंगों का सपना है मेरे दोस्त। जिस Position में आप हैं उसके लिए लोग क्या क्या कर रहे हैं। और हम और आप उसकी बेईज्जती कर रहे हैं।

प्यार कीजिये अपने आपसे, अपनी Quality से और जो पसंद है उसे पूरे दिल और जान से करने में जुट जाइये।

Wednesday, November 27, 2019

Are you in tension?



आज और अभी, अभी मतलब की जिस घंटे, मिनट और सेकण्ड में आप इस ब्लॉग को पढ़ रहे हैं उस Time पर आपके मन में क्या चल रहा है?
थोड़ा देर रुकिये,पढ़िए नहीं.................सोचिये।

क्या चल रहा है आपके मन में, शायद कुछ भी नहीं, ना कुछ अच्छा, ना कुछ बुरा, ना ही कोई Image. सब कुछ शांत है अब जरा ध्यान से सोचिये क्या आप किसी बात से दुःखी हैं जो कि अभी हो रहा हो? क्या आप अभी और इस Time के किसी घटना से दुःखी हैं?- नहीं बिल्कुल नहीं, आप अभी बिल्कुल शांत हैं। इसका मतलब ये है कि अगर आप किसी बात से दुःखी हैं, परेशान हैं, तो उसका कारण केवल और केवल हमारा बिता हुआ कल है और आप अभी इस वक्त पूरी तरह से सचेत हैं, Concious हैं, और Silent हैं।

दोस्त, हमारा बीता हुआ कल हमारे आज के और हमारे आने वाले कल दोनों के समय को खत्म कर रहा है। ना आज जीने दे रहा है ना ही कल को अच्छा बनाने में हमें मदद कर रहा है, बल्कि हमारे सोचने और समझने की शक्ति को कमजोर करते जा रहा है।
बीते हुए कल को आप बदल नहीं सकते और आने वाले कल की कोई Guarantee नहीं है, बस आप आने वाले कल की एक Image बना सकते हैं, एक Direction देने की कोशिश कर सकते हैं, आज जो आप कर रहे हैं वही कल को निर्धारित करेगा।

Upset हैं, दुःखी हैं, परेशान हैं, ये बातें बीते हुए कल के वजह से है या हम जो Future के बारे में सोच कर जी रहे हैं उसकी वजह से है, लेकिन सबसे Important है कि हम जो आज कर रहे हैं, सोच रहे हैं, महसूस कर रहे हैं उससे हमारा कितना Development हो रहा है।

अगर हम Develop कर रहे हैं ना तो Future अपने आप Bright हो जाएगी, बस इतना ही हो सकता है कि जैसा आप सोचें हैं वैसा हूबहू ना हो।

Thursday, November 21, 2019

आप अपने सोच के मालिक हैं या गुलाम?


अपने सोच का गुलाम बनाना :- मतलब की जब हम वो सब करते हैं जो हमारे दिमाक में आता है तब हम अपने सोच के गुलाम होते हैं, क्योंकि तब हम उस काम के Right Or Wrong होने के बारे में नहीं सोचते, उस काम से Society को होने वाले फायदे या नुकसान में बारे में नहीं सोचते, बस कर देते हैं। जैसे कि अगर हम Highway पर अपनी गाड़ी से हैं तो यू ही मन करता है कि गाड़ी तेज चलायें, और हम 100-150 की Speed में गाड़ी भगाने लगते हैं, ऐसे ही Maximum Students होते हैं, जब मन किया पढ़ लिया नहीं मन किया नहीं पढ़ा। आज कल नशा करना Maximum Youngsters के लिए आम बात हो गया है Mind में आया कि बस Start कर दिये। ऐसा केवल इस लिए है क्योंकि हम जाने अंजाने में अपने सोच के, अपने मन के गुलाम हो गये हैं। 

कुछ ऐसा ही हम रिश्तों में भी करते हैं अपने Life Partner के साथ करते हैं, जो दिल में आया बोल दिए, जैसे मन हुआ वैसा व्यवहार कर दिये, ऐसे ही हम अपने घर के बच्चों के साथ करते हैं। जिंदगी के हर पहलू पर Maximum Time हम वही करते हैं जो Mind में आ गया।

अपने सोच का मालिक बनना:- जब हम अपने सोच के मालिक होते हैं तब हम सुलझे हुए और समझदार होते हैं, कुछ भी करने से पहले हर एक चीज से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सोचते हैं।
हमें क्या पढ़ना चाहिए, क्या खाना चाहिए, किससे मिलना चाहिए, किससे नहीं मिलना चाहिए, कहाँ जाना चाहिए, कहाँ नहीं जाना चाहिये, क्या,कैसे और कितना काम करना चाहिए ये सब कुछ सोच समझ कर करते हैं।
●अब बात ये आती है कि अपने सोच के मालिक कैसे बनें?
 सबसे पहले खुद को समय देना शुरू करें, खुद से बात करने (Self Talk) की कोशिश करें, कुछ भी बोलने से पहले कुछ Second के लिए रुकें, सोचें, फिर बोलें। कुछ करने से पहले कुछ Minute के लिए सोचें, अगर ना समझ में आये तो जिसे आप अच्छा समझते हैं उससे राय लें,
किताबें पढ़ें या Videos के माध्यम से जानकारी लें।

विश्वास कीजिये कुछ दिनों के अंदर बदलाव होना शुरू हो जाएगा और आप एक बेहतरीन इंसान बन जाएंगे।

Love Or Attractions With Works.

If you have not interest- then you can't do the best.

हर वो चीज़ जिसमें आपका पूरा दिल और दिमाक लगता है, जिस काम को किये बिना आपका मन नहीं मानता, अगर वो न करें तो कुछ भुला-भुला सा लगता है, तो समझ लीजिए दोस्त की आपको अपने काम से बेहद प्यार है वो Study, Dance, Music, Sports Etc. कुछ भी हो सकता है।
लेकिन अगर आपको अपने काम में Interest नहीं है तो उसमें आप चाहे जितना भी कोशिश क्यों न कर लें कभी भी आप अपना Best नहीं दे सकते।

We driven by two things LOVE and ATTRACTION.

केवल यही दो चीजें ही हमें Drive कर रही हैं।
जिस चीज से हमें प्यार होता है उसमें हम पूरी तरह से डूबे रहते हैं जैसे :-
●Music से प्यार है तो आप उसमें Best कर सकते हैं, जैसे की A.R. Rehman ने किया।
●सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट से प्यार है, आज वो भारत रत्न हैं।
और आपको किस काम से प्यार है ? जरा सोचें।

अगर हमें अपने काम से केवल Attraction है तो उस काम में हम कभी भी अपना दिल और दिमाक नहीं लगा सकते।
हमें Real Love क्या चीज से है इसे ढूंढना कठिन हो जाता है या यूँ कहें कि हमें इसके बारे में कोई ख्याल नहीं है कि काम से सच्चा प्यार होना किसे कहते हैं।

सच्चाई तो ये है कि हमें अपने आप से ही प्यार नहीं है तो अपने काम से क्या प्यार होगा। हम खुद को हर समय कोसते रहते हैं, छोटा महसूस करते रहते हैं हर वो कमी जो हमारे अंदर है उसे हम हमेशा Focus करते हैं। आप छोटे हो,मोटे हो, काले हो, बहोत गोरे हो, बहोत लंबे हो जो कुछ भी हो अपने माँ से पूछना की जब आप इस दुनियाँ में आये थे तो उनके लिए- उस पल के लिए- उस Time पर सबसे खूबसूरत इंसान कौन था?
यार Believe yourself अगर आप खुद को Underestimate करते हैं तो आप Nature का विरोध कर रहे हो, आप उस Supreme Power को Value नहीं दे रहे हैं जो हम सबको चला रहा है, और अगर आप अपने काम को प्यार नहीं कर रहे हो तो ऊपर वाले के द्वारा दिये गए Opportunity का विरोध कर रहे हो।

अगर आप जानना चाहते हैं कि आपको किस काम से प्यार है तो जिस दिन आपमें अपने काम को करते हुए किसी दूसरे काम को करने के लिए मना करने की हिम्मत आज जाए समझ लेना कि आपको अपने काम से सच्चा प्यार हो गया है, और यही चीज आपको TOP पर लेे जाएगी।


"If you are underestimate yourself it means you dislike the top creation of god. Start love yourself the world will love you much than you."

Saturday, October 26, 2019

अपने अंदर एक दीप जलाएँ।





आज के दीवाली में क्या कुछ नया करने वाले हैं आप लोग, शायद सब कुछ वही तो नहीं जो पिछले साल किया था।

क्यों ना आज एक दीप अपने अंदर भी जलायें, दोस्त हम सब जितना खुद को समझते हैं उतना कोई नहीं समझता, जितना खुद को जानते हैं उतना कोई नहीं जानता।

                  एक बात 100% सच है कि हम जाने या अंजाने में किसी ना किसी को कभी ना कभी दुःखी तो किये ही होंगे, तो आइए आज उनसे सच्चे दिल से माफी माँगे, अगर बात करके माफी माँग सकें तो बहोत अच्छा है लेकिन शायद ये करना कठीन होगा। आइये अपनी आंखें बंद करके जिसे कभी दुःखी किये हैं उसे याद करें और मन ही मन उनसे माफी मांगे।
Believe कीजिये मन बहोत हल्का हो जाएगा, आँसू भी गिरे तो गिरने दीजियेगा, हो सकता है दिन भर थोड़ा थोड़ा आंसू गिरे तो गिरने दीजियेगा, करके देखिए! अंदर एक दीप जरूर जलेगा।
 "और जिन लोंगो ने हमारी सहायता की है उन्हें भी मन ही मन धन्यवाद दीजिये।"

आइये मिलकर दीपावली मनाएं
अपने अंदर एक दीप जलाएँ।





Wednesday, October 23, 2019

क्या आपको नहीं लगता???

हम अपने life में कुछ ज्यादा ही Artificial Activity में Involve हो गए हैं।

क्या आपको नहीं लगता?
जब किसी बच्चे का जन्म दिन पड़ता है तो उसे इस बात का इन्तेजार होता है कि आज अधिक से अधिक लोग उसे Wish करें, हो सकता है कि बच्चा किसी बात से नाराज हो फिर भी वो इस इन्तेजार में होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसे Whatsapp, Facebook जैसे Social Sites पर Wish करें, और ये केवल बच्चों की नहीं है बल्कि बड़े लोंगो की भी स्थिति यही है।
कुछ लोग तो इस बात से नाराज हो जाते हैं कि आज मेरे दोस्त ने, मेरे Relative नें मुझे Good Morning Wish नहीं किया, कुछ लोग इस बात से डरे रहते हैं कि अगर मैं आज अपने दोस्त को Wish नहीं किया तो वो नाराज हो जाएगा भले ही वो खुद किसी बात से बेहद उदास क्यों ना हों।

जब भी आपको किसी रिश्ते को निभाने के लिए अपने Mind का इस्तेमाल करना पड़े, सोच कर कोई Planing करना पड़े तो समझ लेना कि वो रिस्ता गहरा नहीं
क्योंकि रिश्ते दिल से जुड़ते हैं दिमाक से नहीं।




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Monday, October 21, 2019

Learn Right or Wrong?


एक बात हमेशा हमें परेशान करती है और वो है, सही और गलत का चुनाव करना। हमारे लिए सही चीज का चुनाव करना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि एक सही फैसला हमारें जीवन को सुधार सकती है और एक गलत फैसला हमारे जीवन को बर्बाद कर सकती है। और कभी-कभी हमारी यही सोच हमें आगे बढने से रोकती भी है।
जब हम कुछ सीखने जाते हैं या कुछ नया करने जाते हैं तो इस बात का बहुत ध्यान देते हैं कि कहीं हम कुछ गलत न सिख लें और इसी में फस कर हम कुछ भी नहीं सिखाते, जब ऐसी बहुत सी चीजें होती है जिसे की हम थोड़ा गलत भी सिख कर सही के काफी नजदीक पहुच सकते हैं।

आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं :- 
मान लीजिये की एक बच्चा है और उसे गणित सीखना है,अब किसी (Teacher) A ने इसे बताया कि 5+5=10 होता है,
(Teacher) B ने बताया कि 5+5=11 होता है,
और किसी ने बताया कि पहले और दूसरे में से कोई एक गलत बताता है।
अब दो Situation सोच कर इस बात को बारीकि से समझते हैं कि क्या होता है,
First Situation :-
मान लीजिये की जो बच्चा है उसे कोई पहले ही बता दिया कि एक Teacher गलत बताता है और वह बच्चा ये सोच कर पढ़ने ही नहीं जाता कि मैं गलत सिख लूँगा। और वो कुछ भी नहीं सीख पाता।
Second Situation:- 
मान लीजिए की वो बच्चा गलत सिख लिया कि 5+5=11 होता है, तो एक बात तो ठीक है कि उसने गलत सीखा लेकिन जब उसे सही पता चलेगा कि 5+5=10 होता है, तो उसे ये भी पता चलेगा कि क्या-क्या जोड़ने पर 11 होता है, उसे ये भी पता चलेगा कि 11,10 से बड़ा नंबर है, उसे ये भी पता चलेगा कि 5 कौन सा नंबर है। उसे जोड़ने का तरीका आ जायेगा, उसे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।

 कुछ ऐसा ही हमारे लाइफ में भी हो रहा है, हम कुछ भी नया  करने से पहले डर जाते है
● इस डर से की कहीं कोई गलती हो गई तो।
● इस बात से की कहीं हम Fail हो गए तो।
● इस बात से की कहीं हमारी Insult हो गई तो।

◆क्या जब हम छोटे थे तो गलती नहीं करते थे?
◆क्या जब हम बच्चे थे तो Fail नहीं होते थे?
◆क्या जब हम नादान थे तो हमारी Insult नहीं होती थी?

चलिए आज एक कदम आगे बढ़ते हैं कुछ नया सीखने को! 
चलिए आज एक कदम बढ़ाते हैं कुछ गलती करने को।

Saturday, September 21, 2019

Really Truth is Important?

ऐसी हमारे आपके जीवन में तमाम घटनाएं होती हैं जब हम सच और झूठ के भवर में फसकर बहोत कुछ खो देते हैं या किसी के जीवन के साथ जाने अंजाने में अन्याय करते हैं।
जरा समझने का कोशिश करते हैं।

                             

◆ अगर किसी लड़की की शादी होने से पहले ही किसी कारण वश टूट गयी हो, और उसकी दूसरी शादी होने वाली हो और कोई पिछली बातें सच-सच सबको बता दे तो क्या होगा? शायद ये शादी भी टूट जाएगी, जरा सोचने वाली बात है अगर इसे ही सच्चाई कहते हैं तो ये कितना सही है, चुनाव आपको करना है कि ये कितना ठीक है, बहुतों की जीवन में ऐसी घटनाएं होती हैं, बहोत सी ऐसी सच्चाई होती है, जिसके सामने आने से किसी की Life बर्बाद हो सकती है, मैं इन चीजों को नहीं लिख सकता लेकिन आप इस बात को अपने Life से, दूसरों के Life  से Connect करके सोच सकते हैं, देख सकते हैं, सिख सकते हैं।

◆ Thomas Edison जब बच्चे थे तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उनकी Teacher उनके घर वालों को एक पत्र लिखती हैं उसमें लिखा था कि:-

 "हमें यह सूचित करते हुए बहुत खेद हो रहा है कि Thomas Edition की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और ये स्कूली शिक्षा लेने योग्य बालक नहीं है अतः Thomas को इस School से निकाला जाता है, हमें ऐसा करने से बेहद दुख है लेकिन हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है।"

Thomas की माता जी इस पत्र को पढ़ कर बहोत दुःखी हुईं और बेटे के पूछने बोलीं:-
" बेटा इस पत्र में लिखा गया है कि Thomas एक बहोत ही Extra Ordinary Student है और हमारे School में इतने योग्य Teacher नहीं हैं जो Thomas को पढ़ा सकें। इसलिए इस बच्चे को प्राम्भिक शिक्षा घर पर ही दी जाए।" और इसके बाद Thomas Edison की मां बहोत रोयीं लेकिन Thomas समझ नहीं पाए कि उनकी माँ क्यों रो रही हैं और उसके बाद उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनकी उनके घर पर ही उनकी माँ से मिली। और ये पत्र  Thomas की माँ के निधन के बाद मिली जब वो Young हो चुके थे।
आज पूरा विश्व Thomas Edition को जनता है

 हम सच-झूठ की भवर जाल में फसे हैं दूसरों को नीचे दिखाने की कोशिश में, छोटी-छोटी बातों को क्लियर करने में, हम कैसे व्यवहार करते हैं?:- "मुझे सच्चाई जानना है।" और सबको पता है कुछ अच्छा नहीं होने वाला कुछ भी जानकर। किसी बात की सच्चाई जानने से ज्यादा Important है कि सच्चाई के महत्व को समझने की कोशिश करें।
हम जितना दूसरों के बारे में सच्चाई जानने की कोशिश करते हैं उसका 10% भी अपनी सच्चाई बताने की हिम्मत नहीं रखते। ये 100% सच है, अगर ऐसा नहीं है तो एक बार फिर से अपनी Life के पुराने पन्नो को ध्यान से देखें।

Finally बात ये आती है कि क्या सच नहीं बोलना चाहिए?

मेरा मतलब सिर्फ इतना कहना है की जिस सच्चाई से किसी का भला ना हो सके और उसे बोलने की जरूरत भी नहीं है वो नहीं बोलना चाहिए।

Monday, August 26, 2019

True VS Lie (सच VS झूठ)


 हम जीवन भर 2 चीज के पीछे पड़े रहते हैं, सच और झूठ कभी विश्वाश तो कभी अंधविश्वाश। आइये थोड़ा Deep में सोचते हैं कि ये है क्या, और कितना महत्वपूर्ण हैं सच को सही और झूठ को गलत ठहराना।

◆ दोस्तों हम कभी कभी ऐसे जगह पर जाते हैं जहाँ से आने पर हमें बिना नहाये घर में जाने की अनुमति नहीं होती, यहां तक कि जो कपड़े हम पहने होते हैं उसे भी बिना धुले घर में लाने की अनुमति नहीं होती, हम सारे कपडे बाहर निकाल देते हैं, नहा कर ही घर में आते हैं ये एक विश्वास किया जाता अगर ऐसा नहीं किये तो Nigative Energy हमारे घर में प्रवेश कर जाएगी। अगर ऐसा है तो फिर मैं सोचता हूँ कि
हम अपने मोबाइल और पर्स को क्यों नहीं धुलते,
तो जवाब आता है कि अगर हम मोबाइल और पर्स को धूल देंगे तो हमें Loss होगा,
इससे ये समझ आता है कि कोई चीज तब तक ही सही है या विश्वास करने योग्य है जब तक हमें उससे कोई हानि ना हो , कोई Loss ना हो।

लोग गलत नहीं होते हैं बस अलग होते हैं।
ऐसी हमारे आपके जीवन में तमाम घटनाएं होती हैं जब हम सच और झूठ के भवर में फसकर बहोत कुछ खो देते हैं या किसी के जीवन के साथ जाने अनजाने में अन्याय करते हैं।

◆ अगर किसी लड़की की शादी होने से पहले ही किसी कारण वश टूट गयी हो, और उसकी दूसरी शादी होने वाली ही और कोई महान प्राणी जाकर पिछली बातें सच-सच सबको बता दे तो शायद ये शादी भी टूट जाएगी, जरा सोचने वाली बात है अगर इसे ही सच्चाई कहते हैं तो ये कितना सही है, चुनाव आपको करना है कि ये कितना ठीक है, बहुतों की जीवन में ऐसी घटनाएं होती हैं, बहोत सी ऐसी सच्चाई होती है, जिसके सामने आने से किसी का Life बर्बाद हो सकता है, मैं इन चीजों को नहीं लिख सकता लेकिन आप इस बात को अपने Life से, दूसरों के Life  से Connect करके सोच सकते हैं, देख सकते हैं, सिख सकते हैं।

◆ Thomas Edison जब बच्चे थे तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उनकी Teacher उनके घर वालों को एक पत्र लिखती हैं उसमें लिखा था कि:-

 "हमें यह सूचित करते हुए बहुत खेद हो रहा है कि Thomas Edition की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और ये स्कूली शिक्षा लेने योग्य बालक नहीं है अतः Thomas को इस School से निकाला जाता है, हमें ऐसा करने से बेहद दुख है लेकिन हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है।"

Thomas की माता जी इस पत्र को पढ़ कर बहोत दुःखी हुईं और अपने बेटे से बोलीं
" बेटा इस पत्र में लिखा है कि Thomas एक बहोत ही Extra Ordinary Student है और हमारे School में इतने योग्य Teacher नहीं हैं कि Thomas को पढ़ा सकें। इसलिए इस बच्चे को प्राम्भिक शिक्षा घर पर ही दी जाए।" और इसके बाद Thomas Edison की मां बहोत रोयीं लेकिन Thomas समझ नहीं पाए कि उनकी माँ क्यों रो रही हैं और उसके बाद उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनकी उनके घर पर ही उनकी माँ से मिली। और ये पत्र Thomas को उनकी माँ के निधन के बाद मिली जब वो Young हो चुके थे।

आज पूरा विश्व Thomas Edition को जनता है।

 हम सच झूठ की भवर जाल में फसे हैं दूसरों को नीचे दिखाने की कोशिश में, छोटी छोटी बातों को क्लियर करने में, हम कैसे व्यवहार करते हैं?:- मुझे सच्चाई जानना है। और सबको पता है कुछ अच्छा नहीं होने वाला सब कुछ जानकर। किसी बात की सच्चाई जानने से ज्यादा Important है कि सच्चाई को Explain करना सीखें सच बोलना सीखें, सच बताना सीखें,
हम जितना दूसरों के बारे में सच्चाई जानने की कोशिश करते हैं ना उसका 10% भी अपनी सच्चाई बताने की हिम्मत नहीं रखते हैं। ये 100% सच है, अगर ऐसा नहीं है तो एक बार फिर से अपनी Life के पुराने पन्नो को ध्यान से देखें।




Friday, August 23, 2019

Reaction is responsible for our life.


 हमारे जीवन में क्या हो रहा है, क्या नहीं यह इस बात पर निर्भर करता है कि अलग-अलग परिस्थितियों में हम किस तरह से व्यवहार करते हैं, कैसे React करते हैं, और हमारे Reaction का जो OUTCOME आता है, उसका जो Result आता है वही हमारे जीवन को निर्धारित करता है।
                        

अगर हम धार्मिक गाथाओं की दृष्टिकोड से देखें तो बहोत कुछ सीखने और समझने को मिलेगा:-

★ राजकुमार श्री राम को जब राज तिलक मिलने वाला था तब उनके जीवन में बहोत विचित्र घटना घटी, रातों रात उन्हें राज महल त्याग कर 14 वर्षों में लिए वन में जाने का आदेश मिल गया। जिसमें उनकी कोई गलती नहीं थी, साजिश किसी और कि थी , Promise किसी और की थी, और बिना किसी कारण उनसे सब कुछ एक झटके में छीन लिया गया, वो चाहते तो विरोध कर सकते थे उनका अधिकार भी था लेकिन उन्होंने विरोध नहीं किया, उनका उस कठिन परिस्थिति में लिया गया निर्णय उन्हें राजकुमार राम से भगवान राम(पुरुषोत्तम राम) बना दिया।

★ एक कठिन परिस्थिति महाबली कर्ण के जीवन में भी आई थी, युद्ध प्रारम्भ होने से पहले उनसे उनका कवच और कुंडल धोखे से मांग लिया गया, कर्ण को पता था कि कवच और कुंडल देने के बाद मृत्यु निश्चित है फिर भी उन्होंने ऐसा किया और उसके बाद उन्हें विश्व के सबसे बड़े दानवीर की उपाधि देवताओं से मिली।
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ऐसे ही हमारे जीवन में अच्छी और बुरी घटनाएं होती रहती हैं, और अगर मैं सही हूँ तो ये बिल्कुल सच है सम या विषम दोनों परिस्थिति में हमारा लिया गया निर्णय ही हमारे आज के जीवन के लिए Responsible है।
जब हम अपने दिमाग का Use करते हैं तो लगभग-लगभग हमारा निर्णय सही रहता है और जब हमारा दिमाग हमें Use करता है तो हम गलत निर्णय ले लेते हैं और लगभग 95% times ऐसा ही होता है हमारा दिमाग हमें Use करने लगता है।
हमारा Reaction हमारे पढ़ाई-लिखाई, हमारे संस्कार, हमारे परिवेश के हिसाब से होता है, क्योकि हमारा दिमाग उसी के According Tune हो चुका है, और अगर हम अपने आज के जीवन से खुश नहीं हैं हमें वो सब मंजूर नहीं है जो हो रहा है तो हमें इसे बदलने की जरूरत है। इस Tunning को Change करने की जरूरत है।

Friday, August 2, 2019

Nature always takes examination.


Nature always take examination and it's only for till make us expert. 
" कुदरत हमारा इम्तेहान लेती है, और तब तक लेती है जब तक हम पास होकर उस कला में निपुण न हो जाएं।"
                                           

हम जिंदगी में कुछ भी नया या बड़ा करने जाते हैं तो हमारा परीक्षा लिया जाता है।

१- भगवान राम का अगर राज तिलक हो जाता तो उनको राजा कहा जाता, लेकिन एक कठोर परीक्षा हुई (14 वर्ष का वनवास) और उसके बाद जब वो राजा बने तो उन्हें भगवान राम की उपाधि दी गई।

२- भगवान कृष्ण को भगवान की उपाधि तब मिली जब उनकी भी परीक्षा हुई, उन्होंने रण भूमि में अर्जुन के द्वारा पूछे गए कठिन से कठिन प्रश्नों का जवाब देना पड़ा था। और सबसे कठिन समय में सही उपाय निकलने की जिम्मेदारी उनको मिली थी।

३- महाभारत में युद्ध से पहले अभिमन्यु को कोई नहीं जानता था, लेकिन युद्ध के बाद से पूरी दुनिया जान गई की कोई अभिमन्यु नाम का महा योध्या भी था।

उनका भी बहोत कठिन इम्तेहान लिया लिया गया था, चक्रव्यूह तो तोड़ने की जिम्मेदारी उनको ही दी गई थी चाहे जाने में या अनजाने में।

Friend's,
 इस दुनियाँ मे अपार संभावनाएं हैं, हमारे लिए ऊपर वाला बहोत कुछ रखा है देने के लिए लेकिन एक इम्तेहान इसलिए लेता है ये देखने के लिए कि जो मैं देने वाला हूँ उसे सम्भालने की ताकत सामने वाले में हैं कि नहीं
अगर हमारे Life में Direct या Indirect कुछ कठिन समय चल रहा है तो समझ लीजियेगा की हमारा इम्तेहान हो रहा है और बस तिजोरी खुलने वाली है जो कि ऊपर वाले ने हमारे लिए रखा है।Web:- https://www.trueleadergroup.com/

You have to change yourself.

If you want to change the condition,You have to change yourself.

अगर आप अपने साथ के वस्तुओं को बदलना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद को बदलना होगा।

 ● यदि आपको अपनी मनोस्थिति, अपनी रिश्तों को, अपने आर्थिक स्तिथि, अपने सामाजिक पहचान को बदलना चाहते हैं तो सबसे पहले खुद को बदलना होगा। वो सारे बदलाव लाने होंगे जैसे की एक बीज को पेड़ बनाने के लिए अपने अस्तित्व को बदलना होता है, खुद को खत्म करना होता है,

    ●यदि आप अपना पड़ोसी,अपने जान-पहचान के लोग बदलना चाहते हो तो---
    ●यदि आप अपनी चेक, अपने बैंक बैलेंस बदलना चाहते है तो-------

दोस्त,मेरा सिर्फ एक ही जबाब होगा---- आपको खुद को बदलना होगा।
खुद को बदलना Means अपने Mind के Software को Upgrade करना होगा। क्योंकि पुरानी Knowledge पुराने Skills अब आपके सफलता के लिए रुकावट होंगे।नई तकनीक और जानकारियाँ हासिल करनी होगीं।
      जैसे मेडिसिन जो "जीवन रक्षक" होती है लेकिन एक्सपायर हो जाने के बाद वही आपकी जान भी ले सकती है वैसे ही आपकी पुरानी Knowledge, पुरानी Skill ही आपको सफल होने से रोक रही है।_

हमें अपने आप को
Physical Level
Mental Level
Emotional Level
Spiritual Level

हर तरह से कम से कम 1% ही Upgrate करने की कोशिश करनी होगी।
कहते हैं ना कि
Web:- https://www.trueleadergroup.com/
Love yourself too much but don't love with present situation.

Power of our Imagination and Excitements.


Friends we must know  the reality of
 " Imagination and Reality."

हम अक्सर सुनते आये हैं की Mind के दो part होते हैं
1:-Concious
2:- Unconcious.
Concious Mind, Unconscious Mind को Information देता है और Unconscious Mind उस Information को Reality में बदल कर Physical World में ला खड़ा कर देता है।
                                   Firend's जरा गहराई से सोचिये  कि अगर हम Inner World में कुछ इस तरह से Creat कर दें ( कुछ इतने पावर से सोचें ) कि हम उसे पा चुके हैं ।अब जरा गहराई से ये सोचें कि जो हम पा चुके हैं, जो चीज मेरा है उसे देखने में कोई Acctraction होगी क्या नहीं ना! Definatilly नहीं होगी।
                                                           लेकिन अगर कभी भी जो हमारा सपना है, जो हमारा Dream है उसे देख कर अगर Exitment आता है तो समझ लीजियेगा की हमारा Mind अभी तक हमारे सपने को Unconcious Mind तक पहुचाया नहीं है, हमें अपना Dream और अच्छे से Visualise करने की जरूरत है, और जब तक हमारा सपना, हमारा Dream हमारे Unconscious Mind में पूरे तरह से घर नहीं बना लेता, जब तक हम अपने सपने के साथ जी नहीं लेते तब तक वो सपना, सपना ही रह जाता है।
You have to believe that the thing is in your hand before get.

Thursday, August 1, 2019

Habit



We all about the product of our habit.

हमारे जीवन को मूल रूप से चलाने वाली जो चीज है वो है हमारी आदत, आज हम जो हैं, जैसे भी हैं, अपने आदतों के कारण ही है।
 ◆कुछ लोंगो की आदत होती है अच्छे कपड़े पहनने की तो कुछ लोग की आदत होती है खुद का ध्यान न रखने की।
◆कुछ लोग को आदत होती है हर छोटी सी गलती होने पर भी Sorry बोलने की तो कुछ लोगों की आदत होती है हमेशा गलती करने की।
◆कुछ लोंगो को आदत होती है सुबह-सुबह टहलने की तो कुछ लोंगो की आदत होती है 8-9 बजे तक सोने की।

Actually Reality ये है कि जो चीजें हमारे लिए अच्छी हैं उन आदतों को हमें खुद में Develop करनी पड़ती है लेकिन जो आदतें हमारे लिए अच्छी नहीं हैं उनकी आदत अपने आप हमें लग जाती है।

आइये समझें इस JOK को जो हमारी Life सीधा जुड़ा हुआ है, और हमें हर एक छड़ प्रभावित करता है।

● अगर हम अच्छे कपड़े पहनने की आदत डाल लें तो बुरे कपड़े पहने की आदत अपने आप छूट जाएगी।
● अगर हम सच बोलना शुरू कर दें तो झूठ बोलने की आदत अपने आप छूट जाएगी।
● अगर हम सुबह-सुबह टहलने की आदत डाल लें तो देर तक सोने की आदत अपने आप छूट जाएगी।

इसका मतलब ये है कि अगर हम आगे बढ़ना चाहते हैं चाहे कोई  भी Field में तो हमें कोई भी बुरी आदत छोड़ने की जरूरत नहीं है केवल अच्छी आदत Develop करने की जरूरत है, बुरी आदत अपने आप छूट जाएगी।

अगर हमें Spirituality में आगे बढ़ना है तो :-क्रोध,गुस्सा,लालच,चालाकी
इन्हें छोड़ने की जरूरत नहीं है, बल्कि हमें खुद में प्यार,खुशी,Careness, कुछ देने की आदत जैसी चीजों को खुद में Develop करने की जरूरत है, सारी बुरी चीजें अपने आप छूट जाएंगी।

The highest possibilities


 All the natural thing reached those maximum limit other than human being.

Nature द्वारा बनाई गई सभी चीजें अपने Maximum Limit तक Grow करती हैं केवल मानव जाति को छोड़कर आइये समझते हैं Example:-

अगर मैं पूछुं की एक पेड़ कितना बड़ा होता है तो उत्तर आएगा

●एक पेड़ उतना बड़ा होता है जितना हो सकता है, उसकी शाखाएं उतनी दूर तक जाती हैं जितनी जा सकती हैं, उसमें उतने फल आते हैं जितने आ सकते है, उसकी जड़ें उतनी दूर कर फैली रहती हैं जितना अधिक से अधिक फैल सकती हैं,

●एक पंछी उतना ऊपर तक उड़ाती है जितना कि अधिक से अधिक उड़ सके।

●एक चीता उतना तेज दौड़ता है जितना अधिक से अधिक तेज दौड़ सकता है।

●एक नदी उतना दूर तक बहती है जितना कि वो बह सकती है, वह उतना ज्यादा गहरा होती है जितना होने की संभावना होती है।

लेकिन मानव जाति में सभी लोग उतना Develop होने को सोच भी नहीं पाते जितना कि वो हो सकते हैं। हम सब खुद में खोए हैं, ऐसी परिस्थितियों से खुद को घेरे हुए हैं, ऐसे सोच से खुद को घेरे हुए हैं जिससे बाहर निकलना ही नहीं चाहते।

आइये आज वादा करें खुद से Highest Possibilities तक जाएंगे हर के दिशा में

Financial Position में,
Friendship wise,
Socially Position में,
Spiritual Position में

Life के हर उस दिशा में खुद को Maximun तक लेकर जाना है जिसमें मानव जाति का अस्तित्व है।

Magic of Words



Words have power to change the hole situations.

शब्दों में वो शक्ति है जो किसी इंसान को, किसी भी Situation को पूरी तरह से बदल सकता है,

कहा जाता है मंत्रों में इतनी शक्ति होती है कि वो Natural Energy की दिशा को बदल सकती है।
●शब्दों का ही प्रभाव था कि डाकू अंगुलीमाल गौतम बुद्ध से प्रभावित होकर साधु बन गया था।
●शब्दों का ही प्रभाव है कि रण भूमि में गीता जैसे महान ग्रंथ की रचना हुई।
●शब्दों का ही जादू था कि तानसेन अपने गाने से बारिश करा सकते थे।

हो सकता है हम और आप किसी जानवर को भी मारने की हिम्मत नहीं झुटा पाते हों लेकिन कुछ लोगों के कानों में ऐसा कुछ शब्द डाला जाता है जिससे की लोग आतंकवादी बन जाते हैं और छोटे बच्चे हों, बड़े हों, औरत हों किसी को भी मारने से पहले वो एक Second के लिए भी नहीं रुकते।

◆आज समाज में जो हमारा बजूद है वो उस पर निर्भार है कि हम कैसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं।
◆कहते हैं ना कि अगर खाने में जहर पड़ जाए तो उसका इलाज है लेकिन अगर शब्दों के माध्यम से हमारे दिमाक में कोई जहर घोल दे तो उसका इलाज ना मुमकिन है।

Must be say to god, "God give me the right collection of words as I can give other too much love and happiness".

The law of karma


Law of Karma का मतलब की जो हम करते हैं उसके बदले में हमें Nature से जो वापस मिलता है।

हम जो कर रहे हैं वो सही है या गलत। या फिर कोई दूसरा जो कुछ काम कर रहा है तो वह सही है या गलत।
हर चीज का निर्णय इस बात से लगाया जा सकता है कि जो काम किया जा रहा है उसका उद्देश्य क्या था।

 First Case :- मान लीजिए कि एक आदमी अपना चेहरा कपड़े से बांध कर दूसरे आदमी कि ओर चाकू लेकर चला आ रहा है और उसे मार दिया, अब यहाँ दो चीजें होने की संभावना है,एक ये कि जिसे चाकू लगा वो बच सकता है या मर सकता है।
लेकिन दोनों ही Condition में चाकू मारने वाला दोषी है क्योंकि उसका उद्देश्य मारना था।

 Second Case:- एक आदमी अपना चेहरा कपड़े से ढके हुए ढेर सारे चाकू लेकर एक आदमी की ओर जा रहा है लेकिन वो डॉक्टर है उसने भी एक इंसान के ऊपर चाकू से कुछ किया और जिसे चाकू लगा वो, वो या तो मर सकता है या बच सकता है लेकिन यहां डॉक्टर दोषी नहीं है क्योंकि इसका उद्देश्य सामने वाले कि जान बचाना था यह Doctor अपने मरीज का Operation करने गया था।

ऐसी बहोत सी घटनाएं हमारे जीवन में होती रहती हैं, बहोत कुछ बिगड़ता है बहोत कुछ बनता है, कभी-कभी रिश्तों में भी ऐसा होता है, कुछ रिश्तें हमें तोड़ने पड़ते हैं कुछ अपने आप टूट जाते हैं लेकिन अगर उद्देश्य सही है तो सब कुछ सही है।

It means activity is not important what you are doing.
Intension is very important what you are doing.

Are we ill on mental level?

Are we ill on mental level ?

We all know that, our 90% activity depend on our thought process. 

हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन की 90% होने वाली घटनाएं हमारे सोच के हिसाब से होती हैं लेकिन बड़ी दुःख की बात है कि हम अपने सोच को ठीक करने उसका ध्यान रखने के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते, न हम अपने दिमाक को कोई Nutrition देते हैं, ना इसके बारे में सोचते ही हैं।

चलिए अगर इस बात को नजर अंदाज भी कर दें तो क्या इस बारे में सोचते हैं कि जब हमारा Physical Body बीमार होता है तो उसके लिए हर तरह की दवा, हर तरह से इसका इलाज करते हैं, लेकिन जब हम दिमागी रूप से बीमार होते हैं तो क्या कुछ करते हैं इसके लिए, जब हमारी सोच खराब होने लगती है, जब हम किसी के बारे में बुरा सोचने लगते हैं, गुस्सा होने लगते हैं तब क्या हम बीमार नहीं हैं ~ दिमागी स्थिति में?

हैं! बिल्कुल हैं!
अगर हम अच्छा नहीं सोच पा रहे हैं, अच्छे विचार हमारे दिमाक से दूर है तो इसका मतलब है कि हम बीमार हैं और शायद कभी-कभी बहोत ज्यादा बीमार। अगर हमारे घर-परिवार का कोई सदस्य अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा है तो वो भी बीमार है, लेकिन क्या हमें ऐसे स्थिति में उसके ऊपर गुस्सा करना चाहिए! शायद नहीं हमें उसका इलाज करना चाहिए।

इस दुनियां में हजारों तरह की थेरेपी विधि है बीमारी की इलाज के लिए, जैसे:-
●गाना सुनना भी एक पैथी है,
●मोटिवेट करना भी एक पैथी है,
●अच्छे से बात करना भी एक पैथी है।

लेकिन सभी पैथी को करने का सही समय और सही तरीका होता है। पर हम ऐसा करते नहीं है अगर कोई लगातार बुरा व्यवहार कर रहा है तो समझ लेना चाहिए कि ये बीमार है और प्यार से इसका इलाज करना होगा, लेकिन हम उसका उल्टा करते हैं हम उससे नफरत करने लगते हैं, अगर हमारा बच्चा चिड़चिड़ा होता जा रहा है तो हम उसकी पिटाई कर देते हैं ये सोच कर कि वो बत्तमीजी कर रहा है। ऐसे ही हमारे Society में, हमारे कार्य स्थल पर भी होता है और हम उस व्यक्ति को ठीक करने के बजाए उससे नफरत करने में अपना समय गवाते हैं।

यह ऐसी बात है कि इसपर बहोत कुछ कहा और लिखा जा सकता है। सोचा जा सकता है।

*अपने दिमाक को Nutrition देने से मतलब है कि कुछ अच्छा पढना, कुछ अच्छा सुनना, कुछ अच्छा देखना, Meditation करना। और इस बात को हमेशा ध्यान में रखना की हम दिमागी स्तर पर कमजोर तो नहीं होते जा रहे हैं।*
◆ चिड़चिड़े तो नहीं होते जा रहे हैं।
◆ बिना वजह के गुस्सा तो नहीं हो रहे हैं।
◆ कहीं ज्यादा गुस्सा तो नहीं हो रहे हैं।
◆ किसी के बात का गलत तरीके से Reply नहीं कर रहे है।
◆ अपने Character को तो नहीं खोते जा रहे हैं।


अगर आपका कोई विचार हो इस बारे में तो प्लीज शेयर करें क्योंकि ये Topic हमारे Life से बहोत ज्यादा Close, हर  समय हर पल हम इस स्थिति से गुजर रहे हैं।


Wednesday, July 17, 2019

Imaginations VS Excitements

Power of our Imagination and Excitements.

Friends we must know  the reality of
"Imagination and Reality".

हम अक्सर सुनते आये हैं की Mind के दो part होते हैं

 1:-Concious
 2:- Unconcious.
                                 

Concious Mind, Unconscious Mind को Information देता है और Unconscious Mind उस Information को Reality में बदल कर , Physical World में ला खड़ा कर देता है।

Firends जरा गहराई से सोचिये  कि अगर हम Inner World में कुछ इस तरह से Create कर दें ( कुछ इतने पावर से सोचें ) की हम उसे पा चुके हैं ।

अब जरा गहराई से ये सोचें कि जो हम पा चुके हैं, जो चीज मेरा है उसे देखने में कोई Attraction होगी क्या?

तो उत्तर मिलेगा नहीं!
Definatilly नहीं होगी।

लेकिन अगर कभी भी जो हमारा सपना है, जो हमारा Dream है उसे देख कर अगर Excitement आता है तो समझ लीजियेगा की हमारा Mind अभी तक हमारे सपने को Unconcious Mind तक पहुचाया नहीं है, हमें अपना Dream और अच्छे से Visualise करने की जरूरत है।

Example लेते हैं :- मान लीजिए कि कोई Singer बनाना चाहता है, और उसने किसी को Stage पर Live गाते हुए देखता है तो उसके मन में क्या चलना चाहिए, अगर उसके मन में ये चल रहा है कि "वाह क्या Singer है, मुझे इसके जैसा बनाना है।"  बहोत ज्यादा Excited हो रहा है, पागलपन छाया जा रहा है तो समझ लेना चाहिए कि सामने वाले का Dream अभी Subconcious Mind में नहीं गया है, वह बाहर बाहर ही अपने सपने के साथ जी रहा है, क्योंकि अगर सपना ऐसा हो जाये जैसे कि वो Real लगने लगे, पूरी तरह से अपना लगने लगे तो फिर Excitment खत्म हो जाता है और वो सपना बहोत जल्द Reality में बदलने वाला होता है।


तैयारी जीत की

                           तैयारी जीत की


कीमत पानी की नहीं प्यास की होती है,
मिलेगा सब कुछ इसी जिंदगी में साहब, कीमत चुकानी तो सपनों और आस की होती है।

Friend's
 जीत हमेशा से उसी की होती है जो तैयारी के साथ आते हैं, किसी भी Successful आदमी को देखिए वो अपने life में चाहे जितनी भी ऊचाई पर पहुच जाए लेकिन तैयारी और Practice हमेशा से करते हैं और खुद को Upgrate करने का मौका कभी नहीं छोड़ते।
चाहे हम बात करें:-
विराट कोहली की,
अमिताभ बच्चन की,
मार्क जुकरबर्ग की,
या सूंदर पिरचय की

ये सभी लोग अपने फील्ड में बहोत Successful हैं लेकिन हर काम से पहले तैयारी भरपूर करते हैं।


जरा इस बारे में सोचें कि अगर
हम बिना पढ़े ही Exam देनें चले जाएं तो क्या होगा?
अगर एक खिलाड़ी बिना Practice के Ground में चला जाये तो क्या होगा?
अगर एक Businessmen बिना Presentation के Seminar में चला जाये तो क्या होगा?
शायद सभी स्थिति ठीक नहीं होगी, वैसी नहीं होगी जैसी होनी चाहिए।

   कहते हैं न कि जीत तो हमेशा मैच के आखरी बॉल पर ही होती है लेकिन खेल में फेंके गए हर एक बॉल की अपनी कीमत होती है।

हमें हर समय कोशिश और तैयारी करनी है जीत की एक दिन वो आखरी बॉल भी हमारे खाते में होगी जो हमारी जीत को संबोधित करेगी।


Monday, June 10, 2019

सदा कृतज्ञ रहें।

दोस्तों, आज मैं बड़े दिनों के बाद मंदिर आया हूँ , विश्वास था की भगवान के दर्शन होंगे, मन हल्का और खुश हो जाएगा,और हुआ भी, सब हुआ बस मन हल्का नहीं हुआ, क्योंकि ये मुझे मालूम है की लोग यहाँ कुछ ना कुछ मांगने आये हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने की कामना करने के लिए आये हैं, बड़ी आस लेकर आये हैं। मुझे भी कुछ समस्या है लेकिन क्या मांग लेने से समस्या दूर हो जाएगी-शायद नहीं।
जरा सोचिए कि:-
◆क्या ये काफी नहीं कि हमें इंसान का जीवन मिला है,
◆क्या ये काफी नहीं कि हमारा स्वास्थ अच्छा है,
◆क्या ये काफी नहीं की हमारे सगे सम्बन्धी हमारे साथ हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि कुछ लोग हमें सच्चे दिल से प्यार करते हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि जिसे हम कभी कभी दुःखी कर देते हैं फिर वो हमसे अटूट विश्वास बनाये हुए हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि हम हंस,बोल और चल सकते हैं,
◆क्या ये काफी नहीं की हमारा कोई गुरु है जो बिना किसी स्वार्थ के हमें आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं,
◆अरे क्या ये काफी नहीं की शाम में देर से घर जाने पर माँ इन्तेजार करती है,
◆क्या ये काफी नहीं कि उदास होने पर कुछ दोस्त मजाक उड़ा कर सब कुछ भुला देते हैं,
◆ क्या ये काफी नहीं कि हमारी हर छोटी बड़ी गलती को छुपाने के लिए हमारी बहन हमेशा साथ देती है,
◆ क्या ये काफी नहीं कि कोई हमें बेइंतहां प्यार करता है चाहे कितनी भी कमियां क्यों ना हों हमारी।

सच्चे दिल से अपनी आत्मा की आवाज सुनकर ये बताइये क्या अब भी हमें भगवान से कुछ मांगने की जरूरत है या सच्चे दिल से धन्यवाद बोलने की जरूरत है।
●क्या आज हम अपने भगवान से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगे,
●क्या आज हम अपने भगवान को याद करके उनसे भी सच्चे दिल से माफी मांग लें जिसका कभी दिल दुखाये हों,
●क्या आज हम खुद से खुद के लिए माफी मांग लें,
●क्या आज हम आज आराम सर बैठकर खुद के खुद का हाल चाल पूछें,
● क्या आज हम खुद को ढूंढ लें जिसे कहीं भूल गए हैं,

दोस्तों एक बात जरा गौर से सोचिये की अगर सच में भगवान आपके सामने आ जाएँ और आपको कुछ मांगना हो तो क्या मांगोगे, शायद शब्द नहीं हैं आपके पास, कुछ समझ में नहीं आएगा क्या मांगे? क्या बोलें? क्या कहें? लेकिन फिर भी मंदिर में मांगते ही हैं, ईश्वर भी सोचते होंगे क्या बना कर भेजा था, सब कुछ तो दिया जो ये सहन कर सकता है फिर भी परेशान है और अगर कुछ और पाने की इच्छा है तो अपनी योग्यता ना बढाकर मुझसे मांगने ही आया है।

दोस्त शुक्रियादा करें उस भगवान का जिसने हमें इतना कुछ दिया है। और मांगना है तो ये क्यों ना मांगे की :-

●भगवान हमें शक्ति दीजिये की आज मेरे मुख से कुछ भी ऐसा ना निकले की जिससे किसी को ठेस पहुंचे।
●भगवान हमें वो शक्ति दें जिससे हम खुद को और इस समाज को एक नई दिशा दे सकें।
● भगवान हमें शक्ति दीजिये की हम जीते जी और इस दुनिया से जाने के बाद भी किसी के काम आ सकें।
हमें कृतज्ञ होना चाहये उस ईश्वर के लिए जिसके वजह से हम सब है। कहते हैं ना की ऊपर वाले की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता तो हम क्या चीज हैं ।



"जो भी मैं लिखा हूँ ये मेरी भावनाये हैं ,मेरी अपनी विचारधारा है,मेरा इरादा किसी के भावनाओ को ठेस पहुंचाने का नहीं है। अगर आपको कुछ गलत लगे तो माफ् कीजिएगा क्योकिं मैं ये सारी बातें अपने दिल के आवाज़ पर लिखा हूँ।"




Saturday, June 1, 2019

क्या सच्चाई जानना सच में जरूरी है?



Friend's हम सभी एक चीज के पीछे हमेशा से रहते हैं और वो है सच्चाई को जानने की ललक।

ये मेरा POST हो सकता है आपको Emotional कर दे, और ये भी हो सकता है कि आपको कुछ नई चीजों से मिला दे।
Friend's
इस ब्लॉग को लिखने का मेरा Moto बस इतना है कि हम झूठ और सच के भवर में फसकर जितनी आसानी से बहोत कुछ खोते और छोड़ते जा रहे हैं, उससे खुद को कैसे बचाएं और सही चुनाव करें।
                   हम सभी के Life में हर पल कुछ न कुछ अच्छा या बुरा होते रहता है, हम अपने आप पास के लोंगो के विचारों से, अपने संबंधियों के विचारों से, अपने खास लोंगो के विचारों से घिरे रहते हैं, उनमे से कुछ लोग सच बोलते हैं तो कुछ लोग झूठ बोलते हैं लेकिन मजे की बात ये है कि सभी को सच सुनना पसंद है चाहे वो क्यों न हमेशा झूठ बोलता हो।

हमारे Family Member हों, दोस्त हों या फिर Life Partner. हमलोग सभी से सच की उम्मीद करते हैं हमें यह विश्वास होता है कि ये मेरे हैं और मुझसे कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे।


कहीं हमारा सच बोलना या सुनना घातक ना हो जाये।

 जब हम कुछ छुपाते हैं तो इस विश्वास के साथ कि आज हम जो छुपा रहे हैं-झूठ बोल रहे हैं वो Future के लिए अच्छा होगा
और ये सच भी है कि कभी-कभी कुछ छुपाना हजारों गुना सही होता है सच बोलने के।
◆मान लीजिए कोई बच्चा है, जिस परिवार में वह बच्चा रहता है वो उसका परिवार नहीं है, और उसे इस सच्चाई के बारें में पता चल जाये तो शायद उस परिवार और बच्चा दोनों के लिए ही वह समय एक दुर्घटना से कम नहीं होगी।
◆आज का समय ऐसा है कि एक पिता अपने पुत्र से ये छुपाता है कि वो परिवार के लिए कैसे और कौन सा काम करके पैसे लाता है, पिता यह सोचकर सच्चाई छुपाता है शायद कहीं ये जान गया कि मैं कोई छोटा काम करता हूँ तो ये मुझसे नफरत करेगा और अपने दोस्तों के सामने खुद को छोटा समझेगा।
◆एक माँ अपनी बेटी से ये छुपाती है कि कैसे वो उसके पिता से बताये बिना, छुपाकर कुछ पैसे उसे देती है और बाद में उसे जलील होना पड़ता है।
◆एक लड़की अपने बीते दिनों की घटनाएं छुपाती है सिर्फ इस वजह से की कहीं उसे उसके परिवार से, उसके दोस्तों से, उसके अपनो से तिरष्कार ना मिलने लगे।
◆एक लड़का अपनी असफलता को छुपाता है कि कहीं उसे समाज में, उसके अपने घर में बेइज्जत ना किया जाए।

आज हमारे समाज में लोग इस बात की उम्मीदें बहोत रखने लगे हैं कि हमारा बच्चा बहुत ही समझदार और सच्चा है। परिवार के बड़ों को यही लगने लगा है कि हम सब जो सोचेंगे वही मेरा बच्चा/बच्ची करेगी। और बच्चों के साथ उनके स्कूल में, कॉलेज में बहोत सी बातें होती हैं  को बहुत सी परेशानियां होती है और ऐसा होने के बाद भी वह अपने मन की बात घर में नहीं बताते, और जब सच्चाई सामने आती है तो सभी बड़े बोलते हैं कि हमें पहले सब कुछ सच सच क्यों नहीं बताया। लेकिन सच्चाई ये है कि घर के लोग सच सुनते ही कुछ ऐसा करते जो कि बच्चे और Family दोनों के लिए ही सही नहीं होता। यही कारण है कि आज बहोत से Talented लोग गुमनाम जिंदगी जी रहे हैं।

●बात अगर Relationship की करें तो हम बहोत ज्यादा सिरियस होते हैं हर छोटी से छोटी चीज के बारे में जनाने के लिये, शायद उस Time पर हम Life की सबसे बड़ी जिम्मेदारी इसी को मान लेते हैं कि हमें सब कुछ सच और साफ-साफ जानना है। सामने वाले के बारे में मुझे सच्चाई जाननी है, उसके Past के बारे में उसके Present के बारे में Any Thing ,Every Thing. वो सब जानने की कोशिश करते हैं जिसका हमारे Life से सीधा connection हो या ना हो। विडंबना ये है कि जब हम सब कुछ जान लेते हैं और हमें कुछ बुरा लगता है तब ना ही उस रिश्ते को छोड़ना चाहते हैं ना Accept करना, हमें खुद नहीं पता होता कि जो हमारी उत्सुकता थी सच्चाई जानने की उसका Main Moto क्या था, हम कुछ Decision लेना चाहते थे या केवल Satisfaction के लिए ऐसा किये? और क्या सब कुछ जानने के बाद हमें Satisfaction मिला ?

मैं एक Question अक्सर पूछता हूँ कि:-
अगर आपका बच्चा आपको ये बताये की आज उसने अपने Friend के कॉपी से देख कर Exam Paper दिया है तो आप उससे नाराज होंगे और हो सकता है तो उसे Punish भी करेंगे - मैं पूछता हूँ कि आप उसे Punish क्या इसलिए करेंगे क्योंकि उसने Exam में Copy की है या फिर इसलिए क्योंकि आज वह सच बोला है।

हम Relationship में आज सौदा करने उतर गए हैं बातें ऐसी करती हैं जैसे कि Market से कोई सामान खरीदने गए हैं और उसके बेकार निकल जाने की पूरी संभावना है।
        आज हम कहाँ हैं, किस Mind Set के साथ जी रहे हैं हर एक रिश्ता आज सौदा सा देखने में लगता है, वो प्यार कहीं खोता जा रहा है जो कभी Unconditional था, 90% से ज्यादा लोंगो का Heart केवल जीने के लिए एक Instrumental के तरह काम आ रहा है Feeling जैसे खत्म होते जा रही है, हम न चाहते हुए भी किसी पर सक करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं, और इसका Reason है Negative Mind का होना।

मैं इस Topic के साथ जिस निचोड़ पर पहुँचा हूँ उससे ये समझ आता है कि Problem ये है कि सामने वाला मेरा अपना जितना ज्यादा Close है और उतना ही रिस्ता बिगड़ने की संभावना है। और हम जिससे जितना दूर हैं उससे उतना ही रिलैक्स हैं।
आइये समझने की कोसिस करते हैं:-

हम रोज TV देखते हैं उसमें कई तरह के ADD आते हैं और उस ADD में हमारे प्यारे हीरो या हेरोइन होती हैं जो की हमें Products के बारे में हमें बताते हैं और कभी ऐसा भी होता है कि उस Product की Quality अच्छी नहीं होती लेकिन हम अपने पसंदीदा हीरो या हेरोइन से नफरत नहीं करते बल्कि उनकी नई पिक्चर आने पर देखने भी जाते हैं।
लेकिन अगर हमारे साथ रहने वाला कोई अपना हो जो हर सुख-दुःख में हमारा साथ देता है और अगर उसने हमसे कुछ झूठ बोल दिया, क्यों न वो झूठ हमारे लिए अच्छा हो लेकिन हम बर्दास्त नहीं करते।

मेरे खयाल से इसका एक One Point Solutions ये है की या तो हम रिश्तों में बहोत दूरी बना लें या फिर प्यार इतना हो कि झूठ सच को भुला कर सामने वाले के इरादे (Intenstion) को समझने की कोशिस करें।

ये TOPIC बहोत Special और Important अगर आपका कोई सुझाव हो तो Please शेयर करें।



Thursday, May 30, 2019

Change Yourself Don't Try to Others.


Friends हम अपने दुःख के लिए हमेशा किसी दूसरे को Responsible मानते हैं और सुख के लिए खुद को।
जब कोई हमें हंसाएगा तब हसेंगे जब कोई रुलाएगा तो रोयेंगे, हम अपनी Feeling को बिल्कुल मारते चले जा रहे है।

कहीं न कहीं हम हमेशा किसी दूसरे को ही Change करने में लगे हैं, शायद इसलिए क्योंकि हम बाहरी दुनिया से ज्यादा Connected हैं बजाय अंदरूनी दुनिया के। हम अपनी खुशियों की चाभी किसी और को दिए हुए हैं, कोई दूसरा हमारे साथ कैसा व्यवहार कर रहा है इसी पर हमारी खुशी हमारा दुख सब Depend है।

●सामने वाला कैसा व्यवहार करेगा ये Depend करता है कि हमारा image उस इंसान के सामने कैसा है, अगर वो हमें महत्वपूर्ण समझता है तो Respect से बात करेगा, सामान्य इंसान समझेगा तो Normal बात करेगा और अगर घटिया इंसान समझेगा तो बुरा व्यवहार करेगा, और इसी कारण से सामने वाले कि बात हमें Effect करती है और हम खुश या दुखी होते हैं।
हमेशा से ये कहा जाता है कि अगर हम अपना Respect  करेंगे तो लोग भी हमारा Respect करेंगे। अब बहोत ही Deeply समझने की जरूरत है कि Selfrespect किसे कहते हैं।

●Friend's Selfrespect (खुद को इज्जत देना) को हम Maximum Time ego से जोड़कर देखते हैं, जब हम अपने काम को करते समय Selfrespect को नहीं छोड़ते तो लोग हमारे बारे में यही सोचते हैं कि इसके में EGO है,और शायद हम भी दूसरों के बारे में ऐसा ही सोचते हैं जब वो खुद को इज्जत देता है। फिर बात और भी बिगड़ते चली जाती है। तो इसका सही इलाज क्या है?- हम खुद को कैसे खुश रखें ऐसा क्या करें कि हम खुद के कंट्रोल में रहें, अपनी खुशी, अपना दुःख, अपना Emotion अपने विचार से हम खुद को Drive करें।
                             

1:-Selfrespect
2:-Ego

हमें इन दोनों के बारे में बहोत बारीकी से और आराम से सोचने-समझने की कोसिस करनी चाहिए।

◆Selfrespect मतलब की हम अपनी तो इज्जत करें लेकिन उससे किसी को ठेस ना पहुँचे।

◆Ego का मतलब है कि हम अपने को इतना Special समझने लगे कि किसी दूसरे को क्या Feel होता है, उसे क्या अच्छा लगेगा या क्या बुरा इसका ध्यान न रखते हुए हम अपना काम किये जा रहे हैं या काम करने का ढोंग कर रहे हैं।

●Friend's जब हम आपकी इज्जत करते हैं तो हम दूसरों की भी इज्जत करते हैं और उस Time पर हम ये समझ लेते हैं कि सामने वाला हमें कितना Control कर पा रहा है और अगर ये बात समझ आ गयी तो हम ये भी समझ सकते हैं कि क्या सच मे सामने वाले कि बात हमें दुःखी करने वाली है?
 सामने वाले के बात का खुद पर कितना Effect होना चाहिए ये हम खुद Deside करते हैं।
                                

"हम खुद को Control कर सकते हैं हमें अपनी खुशी के लिए किसी और पर Depend होने की जरूरत नहीं होगी।"

Friends मैंने एक चीज Notice की है, कभी-कभी हम सब अपने Birthday पर इस लिए दुःखी हो जाते हैं क्योंकि हमारा सबसे अच्छा दोस्त हमें Wish नहीं किया या हमारे पापा, या मम्मी, या भाई, या बहन नें हमें Wish करने में late कर दिये या भूल गए।
हमें ये समझना होगा कि किसी का Wish करना या किसी का हमारे लिए कुछ अच्छा बोलना एक आशीर्वाद है और अगर आशीर्वाद भी हम आने तरीके से लेने की कोशिश करने लगे तो उस आशीर्वाद में Feel कहा रह जायेगा फिर तो सब कुछ Artificial लगेगा ना।

फिर उसमें वो रस कहा रहेगा, वो विश्वाश कहा रहेगा, वो प्यार कहाँ रहेगा। हमें अपने एक एक Moment को, अपनी Feel के साथ जीना होगा और अगर उसमे कोई सम्मिलित हो जाये तब तो बहोत ही अच्छी बात होगी और खुशी कई गुना बढ़ जाएगी
है ना।



Tuesday, April 16, 2019

Students Problem> "Students have no more focus on living the life".

What is the mean of living the life ?
जीवन को जीना किसे कहते हैं?
                                    
◆ क्या है जीवन? 
◆ जीते कैसे हैं? 
These are two different things..

हम हमेशा यह सुनते आए हैं कि जीवन में बहोत उथल - पुथल है, हार और जीत ही जीवन है लेकिन क्या सच में ऐसा है?
अच्छा हो जाना या कुछ बुरा हो जाना Both are part of life, हम सब इस बात को मानते भी हैं लेकिन जब परिस्थिति बदलती है तो हम परेशान हो जाते हैं, कभी-कभी संभल जाते हैं तो कभी बिल्कुल टूट जाते हैं, इसका Reason कहीं न कहीं हमारा Association है,
हम Life को Real में समझ नहीं पाए हैं।

हम एक Social Person हैं। हमारी Life बहोत सी चीजों से मिलकर बनी है, Drive हो रही है लेकिन Student Life Period में हमें Proper इन चीजों की जानकारी नहीं होती है,
Dear Studets आइये उन चीजों को समझने की कोशिश करते हैं जिससे हमारी लाइफ Drive हो रही है।

◆ Our Health (हमारा स्वस्थ)
◆ Our Family (हमारा परिवार)
◆ Our Teachers (हमारे गुरु)
◆ Our Society (हमारा समाज)
◆ Our Culture (हमारी संस्कृति)


Let's try to see your self and analyse on above given points.
Where I Am?
See yourself and calculate!
How many percentage you are contributing to build on
HEALTH, 
FAMILY, 
TEACHER, 
SOCIETY & 
CULTURE

If you take an examination than how many marks you will give yourself?
"एक महान Writer ने कहा है कि जीवन जीना एक कला है, कला ही नहीं तपस्या है"

Let's Analyse the points:-
OUR HEALTH :-

                                      
                      
आज के Life Style के According, Students Health को बहोत ही lightly ले रहे हैं, इस बात का कोई care नहीं है कि आज जो कुछ भी हम खा रहे हैं उससे हमारे Health में आने वाले कुछ वर्षों में क्या होने वाला है, ना Proper Diet की जानकारी है ना ही Proper Exercise करने का Time, आज Students Social Media पर इतना Active हैं कि देर रात तक जागना और सुबह देर तक सोना यह एक Fashion हो गया है या यूं बोले तो Youth Life Style हो गई है।
                            

(मैं एक चीज को Personaly Indicate करना चाहूंगा की आज-कल खाने में बहोत हॉट चीज के साथ Cold Drink पीने का Fashion चला है जो की Really में Health के लिए बहोत ही घातक है।Dear Students please सtop these style of eating.)

FAMILY :-  अपने आज तक के Life के Base पर और कुछ लोंगो के Life को analyse करने पर ये समझ आया की हमारी Family को छोड़कर लगभग हर जगह हमारा Use होता है, बिना किसी फायदा का हमें कोई जगह नहीं देता। वह Job हो Business हो या Friends हों, हमारे Life में जो स्थान Family का है उसके बराबर में कोई Relation नहीं है।
जरा गहराई से सोचें तो हमारे Parent's हमें एक अच्छी Life देने के लिए सब कुछ गवाने को तैयार हैं, वो अपना घर, अपनी जमीन, अपने सपने, सब कुछ छोड़कर, भुलाकर हमेशा इस बारे में सोचते हैं कि मेरे बच्चे को कोई तकलीफ ना हो, जितना हो सकता है वो कोशिश करते हैं।और हम हमेशा कमियां निकलते हैं।
बोलते हैं:-
अच्छे जगह Admission नहीं दिलाया,
हमें महंगे कपड़े नहीं दिलाये,
कैसे पापा हैं एक Cycle नहीं दिला सकते,
एक Bike नहीं दिला सकते,
एक Laptop नहीं दिला सकते,

हम कितने गंदे तरीके से उन्हें बोल देते हैं। मां को कैसे धुत्कार देते हैं, जो हमारे खुशी  के लिए आने सारे सपने भूला दी हैं, अपने से आगे हमें रखती हैं।
उस भाई को कितने गंदे से बोल देते हैं जो हमारे लिए पूरे दुनियां से दुश्मनी लेने को तैयार हो जाता है, बिना कुछ सोचे हमारे लिए अपने आप को चोट पहुचा लेता है , सबसे लड़ जाता है।
उस बहन से अच्छे से बात भी नहीं करते जो हमें हमेशा अपने बच्चे की तरह प्यार दुलारी करती है, हमारे एक एक चीज को ध्यान में रखती है, हमारी गलतियों को छुपाती है, हमें गलत करने से हमेशा रोकती है और कभी-कभी हमें बचाने के लिए अपने आप को सजा दिलाती है, और हम उससे सीधे मुँह बात तक नहीं करते।

अगर खुद से पूछने तो कहाँ हैं हम??
हम अपने Family को कुछ खुशियां देने में-अरे खुशियां देना तो दूर हम Students ठीक से पढ़ाई नहीं कर रहे हैं ना खुद के लिए न उनके लिए, अगर हम कुछ किताबें नहीं पढ़ पा रहे हैं अपनी family को खुश करने के लिए कितने गिरे हुए हैं हम! अपनी Life  को बेरंग किये हुए हैं हम।
                            
                                     
Our Teacher:- 
                              Dear Students इस दुनिया में केवल 2 लोग हैं जो हमें अपने से ज्यादा Success देखना चाहते हैं वो हैं हमारे Parents & Teacher  लेकिन एक ही Person ऐसा है जो हमें Real में आगे बढ़ने के लिए हर संभव प्रयास करता है। और वो है हमारे Teacher,
हो सकता है हमें वो पसंद न आये, हो सकता है कि उसका तरीका हमें पसंद न आये। लेकिन ये More Than 100% सच है कि हमारे Teacher हमेशा हमें आगे बढ़ाना चाहते हैं लेकिन दुर्भाग्य है कि आज Teacher को एक Employee से ज्यादा कुछ नहीं समझा जा रहा है, आज Teacher बच्चों को घर तक जाकर पढ़ने को तैयार हैं कि शायद इससे बच्चों को पढ़ाई के लिए ज़्यादा समय मिल सके, लेकिन इसका मतलब कुछ और निकाल लिया गया है, बच्चे अपने Teacher को वो Respect नहीं दे रहे हैं जितना उनको मिलनी चाहिए। जितना कि वो Deserve करते हैं।
आज सबके Mind में एक Questions है कि अगर हमारे Teacher में सच में Quality है तो वो खुद क्यों नहीं Doctor, Engineer, IAS बन गए?
कुछ बच्चे सोचते हैं कि मेरे  Father के पास बहोत पैसे हैं इसीलिए वो Teacher को घर बुला लेते हैं और हमारे Teacher केवल पैसे के वजह से घर पर आते हैं।

जरा सोचिये भगवान राम अपने गुरु के आश्रम में जाकर पढ़ाई करते थे। गुरु खुद राजा नहीं थे लेकिन वो भगवान को एक कुशल राजा बनाने की शिक्षा देते थे, क्या भगवान राम के पिता जी के पास पैसे नहीं थे की वो Teacher को घर बुला लें, लेकिन उन्होंने भगवान राम को भी शिक्षा के लिए गुरु के पास भेजा और भगवान को भी एक गुरु की जरूरत थी लेकिन आज हम इतने Smart हो गए हैं की शायद Google के आगे किसी को कुछ समझ ही नहीं रहे हैं।
                       

जो हमें Direction दे रहा है, जो हमारा गुरु है आज हम उसे कुछ नहीं समझ रहे हैं, जो हमारे लिए अपने Life को दांव पर लगा दिया है, जो दिन रात हमारे Grouth के बारे में सोचता है उसे हम नजर नदाज करके चले जाते हैं, उसे इज्जत देकर अच्छे से Namaste भी नहीं करते और कभी कभी तो इतने गिर जाते हैं कि अपने Teacher की कमियां निकलते हैं, उससे जबान लड़ाते हैं और मन में सोचते हैं कि "क्या आता है इसे! बेकार है ये"
Friends एक बात याद रखनी चाहिए हमें की जब जब हम अपने गुरु का, अपने Teacher का अपमान करेंगे, Insult करेंगे, उसके ऊपर सवाल लगाएंगे तब तब हम अपने Life में नीचे गिरेंगे।
आइये आज कसम लें "हमारे गुरु जो भी हैं-जैसे भी हैं-इस दुनिया में सबसे पहले वो हैं, हम अपने जीवन में आज तक जिससे भी कुछ भी सीखें हैं, जैसे भी सीखें हैं हमेशा उन्हें अपना Teacher के जैसा ही सम्मान देंगे, हमेशा उनका आदर करेंगे, हमेशा सीर झुकाकर उनको प्रणाम करेंगे और अपनी गलतियों के लिए मन ही मन हम उनसे छमा मांगते हैं।


To be continue for next point 
SOCIETY & CULTURE.......

Friday, April 5, 2019

Students Problem>" Students are very serious about the results".

Students are very serious about the result 

INTEREST ABOUT RESULTS CREATE TENSION, 90% times!!

हम लगभग 90% Time अपने Result के बारे में सोच कर परेशन रहते है।
और Maximum Blame किसी दूसरे पर डालते हैं:-
जैसे -
Parents पर
Teachers पर
हमारे पर Lap Top होता तो ये कर देते,
हमारे पास bike होती तो ये कर देते,
एक अच्छी Mobile होती तो वो कर देते,

हम जितना Expectation दूसरों से रखते हैं, उसका 10% भी खुद से नहीं रखते, एक बार अपने दिल पर हाथ रखकर सोचिये की
क्या हमें जो पढ़ना था वो पढ़ा ?
जो हमारा Book है उसे हम वैसे पढ़े जैसे कि पढ़ना था?
Noted बनाये Proper?
तो शायद सामने ये आएगा की नहीं हमने 10% - 20% भी ऐसा नहीं किया,
                                         

अगर हमारा Result 90% है तो 95% क्यों नहीं आया, ये सोचकर और आगर 80% है तो 90% क्यों नहीं आया ये सोचकर परेशान हैं, और अगर Fail हो गए तो 40% वाले को देखकर, बहोत परेशान है, Actualy इन सबकी हालत एक जैसी ही है, हमारी Life क्यो एक कागज के पन्ने पर सिमट गई है, अगर 95% आया तो और 40% आया तो हम  ही उसके जिम्मेदार हैं, No one other are responsible for this.

 ध्यान से देखो "NOTHING IS END IN THE LIFE" हमारे पास Chance है सब कुछ सुधारने का।

आज FAMILY, SOCIETY और
MEDIA, Pass और Fail को इतना बड़ा Topic बना दिये हैं कि Studetns इसे ही अपनी life मान चुके हैं,
बहोत सारे Examples हैं जो लोग Fail होने के बाद भी दुनिया मे अपना नाम रोशन किये

1-Mr. Abdul Kalam had failed many times,
2-Amitabh Bachhan had failed as like he was on the road,
3- Siddhartha become BUDDHA when he was lost every thing.

क्या उनकी Life खत्म हो गई थी? नहीं शायद उनका Fail हो जाना ही उनके ये वरदान हो गया, एक चीज Clear कर दूं कि Top करने वाला हमेशा Tension में रहता है और उसे अपनी Positions को खोने का डर हमेशा ही रहता है Society में, Family में School में और खुद के नजरों में भी, मैं ये नहीं कहता की आप
कम Marks आने पर दुखी नहीं होना,
परेसान नहीं होना ,
बल्कि खूब रोलो परेशान हो लो, चिल्ला लो, लेकिन एक कसम लो खुद से की ये आंसू अब नहीं बहेंगे, ये Time फिर कभी भी Repeat नहीं होगा, और अगर बहोत अच्छे Marks आते हैं तो Marks से इतना नहीं चिपको की
उसके बिना Life अधूरी लगने लगे, Fail & Pass is part of life, हमेशा Aim इतना बड़ा बनाओ की Life ki chhoti चीजें हमें बिगड़ने या बनाने से हम Distracred ना हों।



To be continue.. Students problem>
"Students are in pressure by Parents Teachers & Relatives." In next blog.

Tuesday, April 2, 2019

Students Problem

आज हमारे देश में सबसे ज्यादा YOUNGS हैं।
Society को,दुनिया को बेहतर बनाने के लिए Students ही Responsible हैं, लेकिन आज जो Society की Mindset जो गई हैं उसमें Students फसते चले जा रहे हैं,
80 % life style दिखावे में चली जा रही है, जिसके वजह से Students अपने Health को लेकर बिल्कुल भी Conscious नहीं हैं और आज Fashion और Style इस तरह से जगह बनाई हुई है की Students सही Time पर सही Decision नहीं ले रहे हैं,
और साथ ही साथ अपने Personal Life और
Professional Life
को जाने अनजाने में Fully Disturb किये हुए हैं।
            आज Life Campare की हो गई है, या यूँ कहे कि बना ली गई है तो ज्यादा सही होगा। अगर एक Student किसी दूसरे  Student के Compare में थोड़ा भी किसी भी, मायने में कम है तो उसे ऐसा Feel होता है मानो "LIFE IS END".

आज खुद की तुलना  दूसरे  से करने में लोग इतना Busy हैं कि अपनी
Real Quality को,
अपनी Strength को,
अपने Values को भूल गए हैं।

मैं आज बहोत गंभीर हूँ इस बात को सोचकर कि हम किस दिशा में अपने Socierty को लेकर, इस दुनियां को लेकर जा रहे हैं, कहीं Robot तो नहीं बनते जा रहे हैं,
                                  

Friends कुछ  Points हैं, जो हर एक Student से कहीं न कहीं जुड़ी हुई है, हम सभी या तो कभी इसमे थे या शायद आज भी इन्ही के बीच Unconscious होकर केवल समय के साथ चलते जा रहे हैं।

All these points are give below :-

1- Students are very serious about the marks.

2- They are in pressure by Family, Relatives & Teachers.

3- They have nice thinking ability but in many direction.

4-  Students have very strong mental power but have distracted.

5- They are too much attract towards opposite sex.

6-They are not focused on set the goal.

7-They have lack of focus on "LIVING THE LIFE".


NOTE:-
" All these 7 point will be explain in next blog"

Monday, April 1, 2019

Meaning of Problem

समस्या किसे कहते हैं ?
🔹अगर हम ये समझ जायें, तो जरा सोचिए कि हम खुद को कहाँ से कहाँ पहुँचा सकते हैं।
Actuly जब हम किसी Uncomfortable zone से बाहर निकल नहीं पाते तो उसे Problem ( समस्या) कहते हैं।

🔹अब या तो हम इस uncomfortable zone को तोडकर बाहर निकल जायें या खुद को बाहर निकाल कर uncomfortable zone को तोड़ दें ये हमारे Skill पर Depend करता है।

🔹खुद को इस Zone से बाहर निकालना फिर Problem को Solve करना Its very high level and simple process .


मान लीजिए कि हमारे घर के सामने कुछ कचरा है और हम उस कचरे को साफ़ करने के लिए कचरे के बीच में चले जायें तो कभी सफाई नही हो पायेगी, लेकिन अगर हम कचरे के बाहर से ही JCB MACHINE का USE करें तो यह Possible है।



Meaning is as-:

अगर हम खुद को हर समस्या से बाहर मान लें और इस तरह से देखें मानों हम बैठे हैं और सारा कुछ सतरंज की गोटी के समान बिखरा पड़ा तो हम Problem का Second में Solution निकाल लेंगे।

It's also a part of Visualisation.

Tuesday, March 19, 2019

Information is Everything

Information को अगर सरल भाषा में कहा जाए तो कहेंगे जानकारी लेकिन क्या reality में information को केवल जानकारी ही कहना ठीक होगा, शायद नही,

Information एक वो power है जो हमारे day by day life को design करता है,हमारे साथ-साथ हमारे PRESENT & FUTURE को DECIDE करता है,

 कुछ ऐसे information हमारे mind में इस तरह घर बना चुके हूं कि हम Robotic life जीने को मजबूर हैं वो भी अनजाने में,
                                 

Let's try to know by examples:-

हमे बचपन मे सिखाया जाता था
१-"बेटा/बेटी खाना खा लो नहीं तो राक्षस आजायेगा"
२-"साइकिल नहीं छूना नहीं तो गिर जाएगा"
३-"उस पत्थर को नहीं छूना चोट लग जायेगी"
४-"Home work करलो नहीं तो Sir आएंगे तो तुम्हारी हड्डी तोड़ देंगे"

@पता नहीं राक्षस होता भी है कि नही,
साइकिल गिरेगा की नही,
सच मे पत्थर छूने से चोट लगती है?,
और सबसे डरावनी बात सच मे Teacher हड्डी तोड़ देंगे और अगर तोड़ देंगे तो क्या घर वाले उन्हें छोड़ देंगे?@

ऐसे हजारों unusual information हमारे mind में जाने अंजाने में भर दी गयी हैं, जिसका result हमे अब कुछ अलग अलग form में महसूस करने को मिल रहा है,

जैसे:-
1-हम कुछ advanture करने से डरते हैं
2-कुछ sport हैं जिन्हें खेलने से डरते हैं कि कहीं चोट लग गई तो,
3-हम अपने से बडों से कोई बात share करने से डरते हैं,
4-Stage पर जाने से डरते हैं,
5-कुछ भी नई idea को impliment करने दे डरते हैं,

हमारी life reality न होकर एक programme की तरह चलती जा रही है,

Detailing about the  information of brain can change
▪Our thought process, 
▪Our belive system,
▪Our working process, 
▪Our destiny,
▪Our future.....
                                     
Thank to visit..........

(Parma Chaudhari
9044-9044-09)

Friday, March 15, 2019

How to Evaluate Yourself



हमारे जीवन में ऐसी हजारों एक्टिविटी होती है जिसका हमें आभास ही नहीं रहता कि हम क्या कर रहे हैं, या हमारे साथ क्या हो रहा है,
जैसे:-
▪ हम खाना खाते हैं तो टीवी  के सामने बैठ जाते हैं, उस समय हम ना ही अपने खाने के सही टेस्ट को महसूस कर पाते हैं न ही टीवी पर आ रहे प्रोग्राम को।
हम उस टाइम पर बिल्कुल अनकॉन्सियस हो जाते हैं।
                                   

▪ जब हम नहाते हैं तो उस पानी के बून्द को feel नहीं करते जो हमारे शरीर को स्पर्श कर रही होती है, बल्कि हम किसी दूसरे विचार में डूबे रहते हैं।

▪ जब हम मन्दिर जाते हैं तोअपने काम के बारे में सोचते हैं, और जब काम पर होते हैं तो भगवान के बारे में सोचते हैं।

 हमें ये सोचने की जरूरत है,
 थोड़ा गौर से देखने की जरूरत है की ,
 जब हम अपने जॉब या बिज़नेस में होते हैं तब कितनी फीलिंग के साथ अपने काम को कर रहे होते हैं।

हम इस काम को क्यों कर रहे हैं ?????

                                        


●क्या इसलिए की बॉस ने बोला है?
●क्या इसलिए की हमारी मजबूरी है?
●क्या इसलिए की और कोई रास्ता नही है?

या इसलिए कि इस काम को करने में मजा आता है और आपका Personal , Professional, Financial , और Physical Growth हो रहा है।
                                 

 आपको ही तय करना है
अपने काम को, 
अपने कॉन्सियसनेस को,
अपने लाइफ को