Wednesday, July 17, 2019

Imaginations VS Excitements

Power of our Imagination and Excitements.

Friends we must know  the reality of
"Imagination and Reality".

हम अक्सर सुनते आये हैं की Mind के दो part होते हैं

 1:-Concious
 2:- Unconcious.
                                 

Concious Mind, Unconscious Mind को Information देता है और Unconscious Mind उस Information को Reality में बदल कर , Physical World में ला खड़ा कर देता है।

Firends जरा गहराई से सोचिये  कि अगर हम Inner World में कुछ इस तरह से Create कर दें ( कुछ इतने पावर से सोचें ) की हम उसे पा चुके हैं ।

अब जरा गहराई से ये सोचें कि जो हम पा चुके हैं, जो चीज मेरा है उसे देखने में कोई Attraction होगी क्या?

तो उत्तर मिलेगा नहीं!
Definatilly नहीं होगी।

लेकिन अगर कभी भी जो हमारा सपना है, जो हमारा Dream है उसे देख कर अगर Excitement आता है तो समझ लीजियेगा की हमारा Mind अभी तक हमारे सपने को Unconcious Mind तक पहुचाया नहीं है, हमें अपना Dream और अच्छे से Visualise करने की जरूरत है।

Example लेते हैं :- मान लीजिए कि कोई Singer बनाना चाहता है, और उसने किसी को Stage पर Live गाते हुए देखता है तो उसके मन में क्या चलना चाहिए, अगर उसके मन में ये चल रहा है कि "वाह क्या Singer है, मुझे इसके जैसा बनाना है।"  बहोत ज्यादा Excited हो रहा है, पागलपन छाया जा रहा है तो समझ लेना चाहिए कि सामने वाले का Dream अभी Subconcious Mind में नहीं गया है, वह बाहर बाहर ही अपने सपने के साथ जी रहा है, क्योंकि अगर सपना ऐसा हो जाये जैसे कि वो Real लगने लगे, पूरी तरह से अपना लगने लगे तो फिर Excitment खत्म हो जाता है और वो सपना बहोत जल्द Reality में बदलने वाला होता है।


तैयारी जीत की

                           तैयारी जीत की


कीमत पानी की नहीं प्यास की होती है,
मिलेगा सब कुछ इसी जिंदगी में साहब, कीमत चुकानी तो सपनों और आस की होती है।

Friend's
 जीत हमेशा से उसी की होती है जो तैयारी के साथ आते हैं, किसी भी Successful आदमी को देखिए वो अपने life में चाहे जितनी भी ऊचाई पर पहुच जाए लेकिन तैयारी और Practice हमेशा से करते हैं और खुद को Upgrate करने का मौका कभी नहीं छोड़ते।
चाहे हम बात करें:-
विराट कोहली की,
अमिताभ बच्चन की,
मार्क जुकरबर्ग की,
या सूंदर पिरचय की

ये सभी लोग अपने फील्ड में बहोत Successful हैं लेकिन हर काम से पहले तैयारी भरपूर करते हैं।


जरा इस बारे में सोचें कि अगर
हम बिना पढ़े ही Exam देनें चले जाएं तो क्या होगा?
अगर एक खिलाड़ी बिना Practice के Ground में चला जाये तो क्या होगा?
अगर एक Businessmen बिना Presentation के Seminar में चला जाये तो क्या होगा?
शायद सभी स्थिति ठीक नहीं होगी, वैसी नहीं होगी जैसी होनी चाहिए।

   कहते हैं न कि जीत तो हमेशा मैच के आखरी बॉल पर ही होती है लेकिन खेल में फेंके गए हर एक बॉल की अपनी कीमत होती है।

हमें हर समय कोशिश और तैयारी करनी है जीत की एक दिन वो आखरी बॉल भी हमारे खाते में होगी जो हमारी जीत को संबोधित करेगी।