Monday, June 10, 2019

सदा कृतज्ञ रहें।

दोस्तों, आज मैं बड़े दिनों के बाद मंदिर आया हूँ , विश्वास था की भगवान के दर्शन होंगे, मन हल्का और खुश हो जाएगा,और हुआ भी, सब हुआ बस मन हल्का नहीं हुआ, क्योंकि ये मुझे मालूम है की लोग यहाँ कुछ ना कुछ मांगने आये हैं अपनी समस्याओं को सुलझाने की कामना करने के लिए आये हैं, बड़ी आस लेकर आये हैं। मुझे भी कुछ समस्या है लेकिन क्या मांग लेने से समस्या दूर हो जाएगी-शायद नहीं।
जरा सोचिए कि:-
◆क्या ये काफी नहीं कि हमें इंसान का जीवन मिला है,
◆क्या ये काफी नहीं कि हमारा स्वास्थ अच्छा है,
◆क्या ये काफी नहीं की हमारे सगे सम्बन्धी हमारे साथ हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि कुछ लोग हमें सच्चे दिल से प्यार करते हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि जिसे हम कभी कभी दुःखी कर देते हैं फिर वो हमसे अटूट विश्वास बनाये हुए हैं,
◆क्या ये काफी नहीं कि हम हंस,बोल और चल सकते हैं,
◆क्या ये काफी नहीं की हमारा कोई गुरु है जो बिना किसी स्वार्थ के हमें आगे बढ़ने के बारे में सोचते हैं,
◆अरे क्या ये काफी नहीं की शाम में देर से घर जाने पर माँ इन्तेजार करती है,
◆क्या ये काफी नहीं कि उदास होने पर कुछ दोस्त मजाक उड़ा कर सब कुछ भुला देते हैं,
◆ क्या ये काफी नहीं कि हमारी हर छोटी बड़ी गलती को छुपाने के लिए हमारी बहन हमेशा साथ देती है,
◆ क्या ये काफी नहीं कि कोई हमें बेइंतहां प्यार करता है चाहे कितनी भी कमियां क्यों ना हों हमारी।

सच्चे दिल से अपनी आत्मा की आवाज सुनकर ये बताइये क्या अब भी हमें भगवान से कुछ मांगने की जरूरत है या सच्चे दिल से धन्यवाद बोलने की जरूरत है।
●क्या आज हम अपने भगवान से अपनी गलतियों के लिए माफी मांगे,
●क्या आज हम अपने भगवान को याद करके उनसे भी सच्चे दिल से माफी मांग लें जिसका कभी दिल दुखाये हों,
●क्या आज हम खुद से खुद के लिए माफी मांग लें,
●क्या आज हम आज आराम सर बैठकर खुद के खुद का हाल चाल पूछें,
● क्या आज हम खुद को ढूंढ लें जिसे कहीं भूल गए हैं,

दोस्तों एक बात जरा गौर से सोचिये की अगर सच में भगवान आपके सामने आ जाएँ और आपको कुछ मांगना हो तो क्या मांगोगे, शायद शब्द नहीं हैं आपके पास, कुछ समझ में नहीं आएगा क्या मांगे? क्या बोलें? क्या कहें? लेकिन फिर भी मंदिर में मांगते ही हैं, ईश्वर भी सोचते होंगे क्या बना कर भेजा था, सब कुछ तो दिया जो ये सहन कर सकता है फिर भी परेशान है और अगर कुछ और पाने की इच्छा है तो अपनी योग्यता ना बढाकर मुझसे मांगने ही आया है।

दोस्त शुक्रियादा करें उस भगवान का जिसने हमें इतना कुछ दिया है। और मांगना है तो ये क्यों ना मांगे की :-

●भगवान हमें शक्ति दीजिये की आज मेरे मुख से कुछ भी ऐसा ना निकले की जिससे किसी को ठेस पहुंचे।
●भगवान हमें वो शक्ति दें जिससे हम खुद को और इस समाज को एक नई दिशा दे सकें।
● भगवान हमें शक्ति दीजिये की हम जीते जी और इस दुनिया से जाने के बाद भी किसी के काम आ सकें।
हमें कृतज्ञ होना चाहये उस ईश्वर के लिए जिसके वजह से हम सब है। कहते हैं ना की ऊपर वाले की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता तो हम क्या चीज हैं ।



"जो भी मैं लिखा हूँ ये मेरी भावनाये हैं ,मेरी अपनी विचारधारा है,मेरा इरादा किसी के भावनाओ को ठेस पहुंचाने का नहीं है। अगर आपको कुछ गलत लगे तो माफ् कीजिएगा क्योकिं मैं ये सारी बातें अपने दिल के आवाज़ पर लिखा हूँ।"




Saturday, June 1, 2019

क्या सच्चाई जानना सच में जरूरी है?



Friend's हम सभी एक चीज के पीछे हमेशा से रहते हैं और वो है सच्चाई को जानने की ललक।

ये मेरा POST हो सकता है आपको Emotional कर दे, और ये भी हो सकता है कि आपको कुछ नई चीजों से मिला दे।
Friend's
इस ब्लॉग को लिखने का मेरा Moto बस इतना है कि हम झूठ और सच के भवर में फसकर जितनी आसानी से बहोत कुछ खोते और छोड़ते जा रहे हैं, उससे खुद को कैसे बचाएं और सही चुनाव करें।
                   हम सभी के Life में हर पल कुछ न कुछ अच्छा या बुरा होते रहता है, हम अपने आप पास के लोंगो के विचारों से, अपने संबंधियों के विचारों से, अपने खास लोंगो के विचारों से घिरे रहते हैं, उनमे से कुछ लोग सच बोलते हैं तो कुछ लोग झूठ बोलते हैं लेकिन मजे की बात ये है कि सभी को सच सुनना पसंद है चाहे वो क्यों न हमेशा झूठ बोलता हो।

हमारे Family Member हों, दोस्त हों या फिर Life Partner. हमलोग सभी से सच की उम्मीद करते हैं हमें यह विश्वास होता है कि ये मेरे हैं और मुझसे कभी भी झूठ नहीं बोलेंगे।


कहीं हमारा सच बोलना या सुनना घातक ना हो जाये।

 जब हम कुछ छुपाते हैं तो इस विश्वास के साथ कि आज हम जो छुपा रहे हैं-झूठ बोल रहे हैं वो Future के लिए अच्छा होगा
और ये सच भी है कि कभी-कभी कुछ छुपाना हजारों गुना सही होता है सच बोलने के।
◆मान लीजिए कोई बच्चा है, जिस परिवार में वह बच्चा रहता है वो उसका परिवार नहीं है, और उसे इस सच्चाई के बारें में पता चल जाये तो शायद उस परिवार और बच्चा दोनों के लिए ही वह समय एक दुर्घटना से कम नहीं होगी।
◆आज का समय ऐसा है कि एक पिता अपने पुत्र से ये छुपाता है कि वो परिवार के लिए कैसे और कौन सा काम करके पैसे लाता है, पिता यह सोचकर सच्चाई छुपाता है शायद कहीं ये जान गया कि मैं कोई छोटा काम करता हूँ तो ये मुझसे नफरत करेगा और अपने दोस्तों के सामने खुद को छोटा समझेगा।
◆एक माँ अपनी बेटी से ये छुपाती है कि कैसे वो उसके पिता से बताये बिना, छुपाकर कुछ पैसे उसे देती है और बाद में उसे जलील होना पड़ता है।
◆एक लड़की अपने बीते दिनों की घटनाएं छुपाती है सिर्फ इस वजह से की कहीं उसे उसके परिवार से, उसके दोस्तों से, उसके अपनो से तिरष्कार ना मिलने लगे।
◆एक लड़का अपनी असफलता को छुपाता है कि कहीं उसे समाज में, उसके अपने घर में बेइज्जत ना किया जाए।

आज हमारे समाज में लोग इस बात की उम्मीदें बहोत रखने लगे हैं कि हमारा बच्चा बहुत ही समझदार और सच्चा है। परिवार के बड़ों को यही लगने लगा है कि हम सब जो सोचेंगे वही मेरा बच्चा/बच्ची करेगी। और बच्चों के साथ उनके स्कूल में, कॉलेज में बहोत सी बातें होती हैं  को बहुत सी परेशानियां होती है और ऐसा होने के बाद भी वह अपने मन की बात घर में नहीं बताते, और जब सच्चाई सामने आती है तो सभी बड़े बोलते हैं कि हमें पहले सब कुछ सच सच क्यों नहीं बताया। लेकिन सच्चाई ये है कि घर के लोग सच सुनते ही कुछ ऐसा करते जो कि बच्चे और Family दोनों के लिए ही सही नहीं होता। यही कारण है कि आज बहोत से Talented लोग गुमनाम जिंदगी जी रहे हैं।

●बात अगर Relationship की करें तो हम बहोत ज्यादा सिरियस होते हैं हर छोटी से छोटी चीज के बारे में जनाने के लिये, शायद उस Time पर हम Life की सबसे बड़ी जिम्मेदारी इसी को मान लेते हैं कि हमें सब कुछ सच और साफ-साफ जानना है। सामने वाले के बारे में मुझे सच्चाई जाननी है, उसके Past के बारे में उसके Present के बारे में Any Thing ,Every Thing. वो सब जानने की कोशिश करते हैं जिसका हमारे Life से सीधा connection हो या ना हो। विडंबना ये है कि जब हम सब कुछ जान लेते हैं और हमें कुछ बुरा लगता है तब ना ही उस रिश्ते को छोड़ना चाहते हैं ना Accept करना, हमें खुद नहीं पता होता कि जो हमारी उत्सुकता थी सच्चाई जानने की उसका Main Moto क्या था, हम कुछ Decision लेना चाहते थे या केवल Satisfaction के लिए ऐसा किये? और क्या सब कुछ जानने के बाद हमें Satisfaction मिला ?

मैं एक Question अक्सर पूछता हूँ कि:-
अगर आपका बच्चा आपको ये बताये की आज उसने अपने Friend के कॉपी से देख कर Exam Paper दिया है तो आप उससे नाराज होंगे और हो सकता है तो उसे Punish भी करेंगे - मैं पूछता हूँ कि आप उसे Punish क्या इसलिए करेंगे क्योंकि उसने Exam में Copy की है या फिर इसलिए क्योंकि आज वह सच बोला है।

हम Relationship में आज सौदा करने उतर गए हैं बातें ऐसी करती हैं जैसे कि Market से कोई सामान खरीदने गए हैं और उसके बेकार निकल जाने की पूरी संभावना है।
        आज हम कहाँ हैं, किस Mind Set के साथ जी रहे हैं हर एक रिश्ता आज सौदा सा देखने में लगता है, वो प्यार कहीं खोता जा रहा है जो कभी Unconditional था, 90% से ज्यादा लोंगो का Heart केवल जीने के लिए एक Instrumental के तरह काम आ रहा है Feeling जैसे खत्म होते जा रही है, हम न चाहते हुए भी किसी पर सक करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं, और इसका Reason है Negative Mind का होना।

मैं इस Topic के साथ जिस निचोड़ पर पहुँचा हूँ उससे ये समझ आता है कि Problem ये है कि सामने वाला मेरा अपना जितना ज्यादा Close है और उतना ही रिस्ता बिगड़ने की संभावना है। और हम जिससे जितना दूर हैं उससे उतना ही रिलैक्स हैं।
आइये समझने की कोसिस करते हैं:-

हम रोज TV देखते हैं उसमें कई तरह के ADD आते हैं और उस ADD में हमारे प्यारे हीरो या हेरोइन होती हैं जो की हमें Products के बारे में हमें बताते हैं और कभी ऐसा भी होता है कि उस Product की Quality अच्छी नहीं होती लेकिन हम अपने पसंदीदा हीरो या हेरोइन से नफरत नहीं करते बल्कि उनकी नई पिक्चर आने पर देखने भी जाते हैं।
लेकिन अगर हमारे साथ रहने वाला कोई अपना हो जो हर सुख-दुःख में हमारा साथ देता है और अगर उसने हमसे कुछ झूठ बोल दिया, क्यों न वो झूठ हमारे लिए अच्छा हो लेकिन हम बर्दास्त नहीं करते।

मेरे खयाल से इसका एक One Point Solutions ये है की या तो हम रिश्तों में बहोत दूरी बना लें या फिर प्यार इतना हो कि झूठ सच को भुला कर सामने वाले के इरादे (Intenstion) को समझने की कोशिस करें।

ये TOPIC बहोत Special और Important अगर आपका कोई सुझाव हो तो Please शेयर करें।