Tuesday, March 19, 2019

Information is Everything

Information को अगर सरल भाषा में कहा जाए तो कहेंगे जानकारी लेकिन क्या reality में information को केवल जानकारी ही कहना ठीक होगा, शायद नही,

Information एक वो power है जो हमारे day by day life को design करता है,हमारे साथ-साथ हमारे PRESENT & FUTURE को DECIDE करता है,

 कुछ ऐसे information हमारे mind में इस तरह घर बना चुके हूं कि हम Robotic life जीने को मजबूर हैं वो भी अनजाने में,
                                 

Let's try to know by examples:-

हमे बचपन मे सिखाया जाता था
१-"बेटा/बेटी खाना खा लो नहीं तो राक्षस आजायेगा"
२-"साइकिल नहीं छूना नहीं तो गिर जाएगा"
३-"उस पत्थर को नहीं छूना चोट लग जायेगी"
४-"Home work करलो नहीं तो Sir आएंगे तो तुम्हारी हड्डी तोड़ देंगे"

@पता नहीं राक्षस होता भी है कि नही,
साइकिल गिरेगा की नही,
सच मे पत्थर छूने से चोट लगती है?,
और सबसे डरावनी बात सच मे Teacher हड्डी तोड़ देंगे और अगर तोड़ देंगे तो क्या घर वाले उन्हें छोड़ देंगे?@

ऐसे हजारों unusual information हमारे mind में जाने अंजाने में भर दी गयी हैं, जिसका result हमे अब कुछ अलग अलग form में महसूस करने को मिल रहा है,

जैसे:-
1-हम कुछ advanture करने से डरते हैं
2-कुछ sport हैं जिन्हें खेलने से डरते हैं कि कहीं चोट लग गई तो,
3-हम अपने से बडों से कोई बात share करने से डरते हैं,
4-Stage पर जाने से डरते हैं,
5-कुछ भी नई idea को impliment करने दे डरते हैं,

हमारी life reality न होकर एक programme की तरह चलती जा रही है,

Detailing about the  information of brain can change
▪Our thought process, 
▪Our belive system,
▪Our working process, 
▪Our destiny,
▪Our future.....
                                     
Thank to visit..........

(Parma Chaudhari
9044-9044-09)

Friday, March 15, 2019

How to Evaluate Yourself



हमारे जीवन में ऐसी हजारों एक्टिविटी होती है जिसका हमें आभास ही नहीं रहता कि हम क्या कर रहे हैं, या हमारे साथ क्या हो रहा है,
जैसे:-
▪ हम खाना खाते हैं तो टीवी  के सामने बैठ जाते हैं, उस समय हम ना ही अपने खाने के सही टेस्ट को महसूस कर पाते हैं न ही टीवी पर आ रहे प्रोग्राम को।
हम उस टाइम पर बिल्कुल अनकॉन्सियस हो जाते हैं।
                                   

▪ जब हम नहाते हैं तो उस पानी के बून्द को feel नहीं करते जो हमारे शरीर को स्पर्श कर रही होती है, बल्कि हम किसी दूसरे विचार में डूबे रहते हैं।

▪ जब हम मन्दिर जाते हैं तोअपने काम के बारे में सोचते हैं, और जब काम पर होते हैं तो भगवान के बारे में सोचते हैं।

 हमें ये सोचने की जरूरत है,
 थोड़ा गौर से देखने की जरूरत है की ,
 जब हम अपने जॉब या बिज़नेस में होते हैं तब कितनी फीलिंग के साथ अपने काम को कर रहे होते हैं।

हम इस काम को क्यों कर रहे हैं ?????

                                        


●क्या इसलिए की बॉस ने बोला है?
●क्या इसलिए की हमारी मजबूरी है?
●क्या इसलिए की और कोई रास्ता नही है?

या इसलिए कि इस काम को करने में मजा आता है और आपका Personal , Professional, Financial , और Physical Growth हो रहा है।
                                 

 आपको ही तय करना है
अपने काम को, 
अपने कॉन्सियसनेस को,
अपने लाइफ को