Saturday, October 26, 2019

अपने अंदर एक दीप जलाएँ।





आज के दीवाली में क्या कुछ नया करने वाले हैं आप लोग, शायद सब कुछ वही तो नहीं जो पिछले साल किया था।

क्यों ना आज एक दीप अपने अंदर भी जलायें, दोस्त हम सब जितना खुद को समझते हैं उतना कोई नहीं समझता, जितना खुद को जानते हैं उतना कोई नहीं जानता।

                  एक बात 100% सच है कि हम जाने या अंजाने में किसी ना किसी को कभी ना कभी दुःखी तो किये ही होंगे, तो आइए आज उनसे सच्चे दिल से माफी माँगे, अगर बात करके माफी माँग सकें तो बहोत अच्छा है लेकिन शायद ये करना कठीन होगा। आइये अपनी आंखें बंद करके जिसे कभी दुःखी किये हैं उसे याद करें और मन ही मन उनसे माफी मांगे।
Believe कीजिये मन बहोत हल्का हो जाएगा, आँसू भी गिरे तो गिरने दीजियेगा, हो सकता है दिन भर थोड़ा थोड़ा आंसू गिरे तो गिरने दीजियेगा, करके देखिए! अंदर एक दीप जरूर जलेगा।
 "और जिन लोंगो ने हमारी सहायता की है उन्हें भी मन ही मन धन्यवाद दीजिये।"

आइये मिलकर दीपावली मनाएं
अपने अंदर एक दीप जलाएँ।





Wednesday, October 23, 2019

क्या आपको नहीं लगता???

हम अपने life में कुछ ज्यादा ही Artificial Activity में Involve हो गए हैं।

क्या आपको नहीं लगता?
जब किसी बच्चे का जन्म दिन पड़ता है तो उसे इस बात का इन्तेजार होता है कि आज अधिक से अधिक लोग उसे Wish करें, हो सकता है कि बच्चा किसी बात से नाराज हो फिर भी वो इस इन्तेजार में होता है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसे Whatsapp, Facebook जैसे Social Sites पर Wish करें, और ये केवल बच्चों की नहीं है बल्कि बड़े लोंगो की भी स्थिति यही है।
कुछ लोग तो इस बात से नाराज हो जाते हैं कि आज मेरे दोस्त ने, मेरे Relative नें मुझे Good Morning Wish नहीं किया, कुछ लोग इस बात से डरे रहते हैं कि अगर मैं आज अपने दोस्त को Wish नहीं किया तो वो नाराज हो जाएगा भले ही वो खुद किसी बात से बेहद उदास क्यों ना हों।

जब भी आपको किसी रिश्ते को निभाने के लिए अपने Mind का इस्तेमाल करना पड़े, सोच कर कोई Planing करना पड़े तो समझ लेना कि वो रिस्ता गहरा नहीं
क्योंकि रिश्ते दिल से जुड़ते हैं दिमाक से नहीं।




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Monday, October 21, 2019

Learn Right or Wrong?


एक बात हमेशा हमें परेशान करती है और वो है, सही और गलत का चुनाव करना। हमारे लिए सही चीज का चुनाव करना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि एक सही फैसला हमारें जीवन को सुधार सकती है और एक गलत फैसला हमारे जीवन को बर्बाद कर सकती है। और कभी-कभी हमारी यही सोच हमें आगे बढने से रोकती भी है।
जब हम कुछ सीखने जाते हैं या कुछ नया करने जाते हैं तो इस बात का बहुत ध्यान देते हैं कि कहीं हम कुछ गलत न सिख लें और इसी में फस कर हम कुछ भी नहीं सिखाते, जब ऐसी बहुत सी चीजें होती है जिसे की हम थोड़ा गलत भी सिख कर सही के काफी नजदीक पहुच सकते हैं।

आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं :- 
मान लीजिये की एक बच्चा है और उसे गणित सीखना है,अब किसी (Teacher) A ने इसे बताया कि 5+5=10 होता है,
(Teacher) B ने बताया कि 5+5=11 होता है,
और किसी ने बताया कि पहले और दूसरे में से कोई एक गलत बताता है।
अब दो Situation सोच कर इस बात को बारीकि से समझते हैं कि क्या होता है,
First Situation :-
मान लीजिये की जो बच्चा है उसे कोई पहले ही बता दिया कि एक Teacher गलत बताता है और वह बच्चा ये सोच कर पढ़ने ही नहीं जाता कि मैं गलत सिख लूँगा। और वो कुछ भी नहीं सीख पाता।
Second Situation:- 
मान लीजिए की वो बच्चा गलत सिख लिया कि 5+5=11 होता है, तो एक बात तो ठीक है कि उसने गलत सीखा लेकिन जब उसे सही पता चलेगा कि 5+5=10 होता है, तो उसे ये भी पता चलेगा कि क्या-क्या जोड़ने पर 11 होता है, उसे ये भी पता चलेगा कि 11,10 से बड़ा नंबर है, उसे ये भी पता चलेगा कि 5 कौन सा नंबर है। उसे जोड़ने का तरीका आ जायेगा, उसे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।

 कुछ ऐसा ही हमारे लाइफ में भी हो रहा है, हम कुछ भी नया  करने से पहले डर जाते है
● इस डर से की कहीं कोई गलती हो गई तो।
● इस बात से की कहीं हम Fail हो गए तो।
● इस बात से की कहीं हमारी Insult हो गई तो।

◆क्या जब हम छोटे थे तो गलती नहीं करते थे?
◆क्या जब हम बच्चे थे तो Fail नहीं होते थे?
◆क्या जब हम नादान थे तो हमारी Insult नहीं होती थी?

चलिए आज एक कदम आगे बढ़ते हैं कुछ नया सीखने को! 
चलिए आज एक कदम बढ़ाते हैं कुछ गलती करने को।