Thursday, November 21, 2019

आप अपने सोच के मालिक हैं या गुलाम?


अपने सोच का गुलाम बनाना :- मतलब की जब हम वो सब करते हैं जो हमारे दिमाक में आता है तब हम अपने सोच के गुलाम होते हैं, क्योंकि तब हम उस काम के Right Or Wrong होने के बारे में नहीं सोचते, उस काम से Society को होने वाले फायदे या नुकसान में बारे में नहीं सोचते, बस कर देते हैं। जैसे कि अगर हम Highway पर अपनी गाड़ी से हैं तो यू ही मन करता है कि गाड़ी तेज चलायें, और हम 100-150 की Speed में गाड़ी भगाने लगते हैं, ऐसे ही Maximum Students होते हैं, जब मन किया पढ़ लिया नहीं मन किया नहीं पढ़ा। आज कल नशा करना Maximum Youngsters के लिए आम बात हो गया है Mind में आया कि बस Start कर दिये। ऐसा केवल इस लिए है क्योंकि हम जाने अंजाने में अपने सोच के, अपने मन के गुलाम हो गये हैं। 

कुछ ऐसा ही हम रिश्तों में भी करते हैं अपने Life Partner के साथ करते हैं, जो दिल में आया बोल दिए, जैसे मन हुआ वैसा व्यवहार कर दिये, ऐसे ही हम अपने घर के बच्चों के साथ करते हैं। जिंदगी के हर पहलू पर Maximum Time हम वही करते हैं जो Mind में आ गया।

अपने सोच का मालिक बनना:- जब हम अपने सोच के मालिक होते हैं तब हम सुलझे हुए और समझदार होते हैं, कुछ भी करने से पहले हर एक चीज से होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में सोचते हैं।
हमें क्या पढ़ना चाहिए, क्या खाना चाहिए, किससे मिलना चाहिए, किससे नहीं मिलना चाहिए, कहाँ जाना चाहिए, कहाँ नहीं जाना चाहिये, क्या,कैसे और कितना काम करना चाहिए ये सब कुछ सोच समझ कर करते हैं।
●अब बात ये आती है कि अपने सोच के मालिक कैसे बनें?
 सबसे पहले खुद को समय देना शुरू करें, खुद से बात करने (Self Talk) की कोशिश करें, कुछ भी बोलने से पहले कुछ Second के लिए रुकें, सोचें, फिर बोलें। कुछ करने से पहले कुछ Minute के लिए सोचें, अगर ना समझ में आये तो जिसे आप अच्छा समझते हैं उससे राय लें,
किताबें पढ़ें या Videos के माध्यम से जानकारी लें।

विश्वास कीजिये कुछ दिनों के अंदर बदलाव होना शुरू हो जाएगा और आप एक बेहतरीन इंसान बन जाएंगे।

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