एक बात हमेशा हमें परेशान करती है और वो है, सही और गलत का चुनाव करना। हमारे लिए सही चीज का चुनाव करना भी बहुत जरूरी है, क्योंकि एक सही फैसला हमारें जीवन को सुधार सकती है और एक गलत फैसला हमारे जीवन को बर्बाद कर सकती है। और कभी-कभी हमारी यही सोच हमें आगे बढने से रोकती भी है।
जब हम कुछ सीखने जाते हैं या कुछ नया करने जाते हैं तो इस बात का बहुत ध्यान देते हैं कि कहीं हम कुछ गलत न सिख लें और इसी में फस कर हम कुछ भी नहीं सिखाते, जब ऐसी बहुत सी चीजें होती है जिसे की हम थोड़ा गलत भी सिख कर सही के काफी नजदीक पहुच सकते हैं।
आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं :-
मान लीजिये की एक बच्चा है और उसे गणित सीखना है,अब किसी (Teacher) A ने इसे बताया कि 5+5=10 होता है,
(Teacher) B ने बताया कि 5+5=11 होता है,
और किसी ने बताया कि पहले और दूसरे में से कोई एक गलत बताता है।
अब दो Situation सोच कर इस बात को बारीकि से समझते हैं कि क्या होता है,
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First Situation :-
मान लीजिये की जो बच्चा है उसे कोई पहले ही बता दिया कि एक Teacher गलत बताता है और वह बच्चा ये सोच कर पढ़ने ही नहीं जाता कि मैं गलत सिख लूँगा। और वो कुछ भी नहीं सीख पाता।
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Second Situation:-
मान लीजिए की वो बच्चा गलत सिख लिया कि 5+5=11 होता है, तो एक बात तो ठीक है कि उसने गलत सीखा लेकिन जब उसे सही पता चलेगा कि 5+5=10 होता है, तो उसे ये भी पता चलेगा कि क्या-क्या जोड़ने पर 11 होता है, उसे ये भी पता चलेगा कि 11,10 से बड़ा नंबर है, उसे ये भी पता चलेगा कि 5 कौन सा नंबर है। उसे जोड़ने का तरीका आ जायेगा, उसे बहुत कुछ सिखने को मिलेगा।
कुछ ऐसा ही हमारे लाइफ में भी हो रहा है, हम कुछ भी नया करने से पहले डर जाते है
● इस डर से की कहीं कोई गलती हो गई तो।
● इस बात से की कहीं हम Fail हो गए तो।
● इस बात से की कहीं हमारी Insult हो गई तो।
◆क्या जब हम छोटे थे तो गलती नहीं करते थे?
◆क्या जब हम बच्चे थे तो Fail नहीं होते थे?
◆क्या जब हम नादान थे तो हमारी Insult नहीं होती थी?
चलिए आज एक कदम आगे बढ़ते हैं कुछ नया सीखने को!
चलिए आज एक कदम बढ़ाते हैं कुछ गलती करने को।