हम जीवन भर 2 चीज के पीछे पड़े रहते हैं, सच और झूठ कभी विश्वाश तो कभी अंधविश्वाश। आइये थोड़ा Deep में सोचते हैं कि ये है क्या, और कितना महत्वपूर्ण हैं सच को सही और झूठ को गलत ठहराना।
◆ दोस्तों हम कभी कभी ऐसे जगह पर जाते हैं जहाँ से आने पर हमें बिना नहाये घर में जाने की अनुमति नहीं होती, यहां तक कि जो कपड़े हम पहने होते हैं उसे भी बिना धुले घर में लाने की अनुमति नहीं होती, हम सारे कपडे बाहर निकाल देते हैं, नहा कर ही घर में आते हैं ये एक विश्वास किया जाता अगर ऐसा नहीं किये तो Nigative Energy हमारे घर में प्रवेश कर जाएगी। अगर ऐसा है तो फिर मैं सोचता हूँ कि
हम अपने मोबाइल और पर्स को क्यों नहीं धुलते,
तो जवाब आता है कि अगर हम मोबाइल और पर्स को धूल देंगे तो हमें Loss होगा,
इससे ये समझ आता है कि कोई चीज तब तक ही सही है या विश्वास करने योग्य है जब तक हमें उससे कोई हानि ना हो , कोई Loss ना हो।
लोग गलत नहीं होते हैं बस अलग होते हैं।
ऐसी हमारे आपके जीवन में तमाम घटनाएं होती हैं जब हम सच और झूठ के भवर में फसकर बहोत कुछ खो देते हैं या किसी के जीवन के साथ जाने अनजाने में अन्याय करते हैं।
◆ अगर किसी लड़की की शादी होने से पहले ही किसी कारण वश टूट गयी हो, और उसकी दूसरी शादी होने वाली ही और कोई महान प्राणी जाकर पिछली बातें सच-सच सबको बता दे तो शायद ये शादी भी टूट जाएगी, जरा सोचने वाली बात है अगर इसे ही सच्चाई कहते हैं तो ये कितना सही है, चुनाव आपको करना है कि ये कितना ठीक है, बहुतों की जीवन में ऐसी घटनाएं होती हैं, बहोत सी ऐसी सच्चाई होती है, जिसके सामने आने से किसी का Life बर्बाद हो सकता है, मैं इन चीजों को नहीं लिख सकता लेकिन आप इस बात को अपने Life से, दूसरों के Life से Connect करके सोच सकते हैं, देख सकते हैं, सिख सकते हैं।
◆ Thomas Edison जब बच्चे थे तो उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उनकी Teacher उनके घर वालों को एक पत्र लिखती हैं उसमें लिखा था कि:-
"हमें यह सूचित करते हुए बहुत खेद हो रहा है कि Thomas Edition की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और ये स्कूली शिक्षा लेने योग्य बालक नहीं है अतः Thomas को इस School से निकाला जाता है, हमें ऐसा करने से बेहद दुख है लेकिन हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है।"
Thomas की माता जी इस पत्र को पढ़ कर बहोत दुःखी हुईं और अपने बेटे से बोलीं
" बेटा इस पत्र में लिखा है कि Thomas एक बहोत ही Extra Ordinary Student है और हमारे School में इतने योग्य Teacher नहीं हैं कि Thomas को पढ़ा सकें। इसलिए इस बच्चे को प्राम्भिक शिक्षा घर पर ही दी जाए।" और इसके बाद Thomas Edison की मां बहोत रोयीं लेकिन Thomas समझ नहीं पाए कि उनकी माँ क्यों रो रही हैं और उसके बाद उनकी प्रारंभिक शिक्षा उनकी उनके घर पर ही उनकी माँ से मिली। और ये पत्र Thomas को उनकी माँ के निधन के बाद मिली जब वो Young हो चुके थे।
आज पूरा विश्व Thomas Edition को जनता है।
हम सच झूठ की भवर जाल में फसे हैं दूसरों को नीचे दिखाने की कोशिश में, छोटी छोटी बातों को क्लियर करने में, हम कैसे व्यवहार करते हैं?:- मुझे सच्चाई जानना है। और सबको पता है कुछ अच्छा नहीं होने वाला सब कुछ जानकर। किसी बात की सच्चाई जानने से ज्यादा Important है कि सच्चाई को Explain करना सीखें सच बोलना सीखें, सच बताना सीखें,
हम जितना दूसरों के बारे में सच्चाई जानने की कोशिश करते हैं ना उसका 10% भी अपनी सच्चाई बताने की हिम्मत नहीं रखते हैं। ये 100% सच है, अगर ऐसा नहीं है तो एक बार फिर से अपनी Life के पुराने पन्नो को ध्यान से देखें।