Thursday, August 1, 2019

Are we ill on mental level?

Are we ill on mental level ?

We all know that, our 90% activity depend on our thought process. 

हम सभी जानते हैं कि हमारे जीवन की 90% होने वाली घटनाएं हमारे सोच के हिसाब से होती हैं लेकिन बड़ी दुःख की बात है कि हम अपने सोच को ठीक करने उसका ध्यान रखने के बारे में बिल्कुल भी नहीं सोचते, न हम अपने दिमाक को कोई Nutrition देते हैं, ना इसके बारे में सोचते ही हैं।

चलिए अगर इस बात को नजर अंदाज भी कर दें तो क्या इस बारे में सोचते हैं कि जब हमारा Physical Body बीमार होता है तो उसके लिए हर तरह की दवा, हर तरह से इसका इलाज करते हैं, लेकिन जब हम दिमागी रूप से बीमार होते हैं तो क्या कुछ करते हैं इसके लिए, जब हमारी सोच खराब होने लगती है, जब हम किसी के बारे में बुरा सोचने लगते हैं, गुस्सा होने लगते हैं तब क्या हम बीमार नहीं हैं ~ दिमागी स्थिति में?

हैं! बिल्कुल हैं!
अगर हम अच्छा नहीं सोच पा रहे हैं, अच्छे विचार हमारे दिमाक से दूर है तो इसका मतलब है कि हम बीमार हैं और शायद कभी-कभी बहोत ज्यादा बीमार। अगर हमारे घर-परिवार का कोई सदस्य अच्छा व्यवहार नहीं कर रहा है तो वो भी बीमार है, लेकिन क्या हमें ऐसे स्थिति में उसके ऊपर गुस्सा करना चाहिए! शायद नहीं हमें उसका इलाज करना चाहिए।

इस दुनियां में हजारों तरह की थेरेपी विधि है बीमारी की इलाज के लिए, जैसे:-
●गाना सुनना भी एक पैथी है,
●मोटिवेट करना भी एक पैथी है,
●अच्छे से बात करना भी एक पैथी है।

लेकिन सभी पैथी को करने का सही समय और सही तरीका होता है। पर हम ऐसा करते नहीं है अगर कोई लगातार बुरा व्यवहार कर रहा है तो समझ लेना चाहिए कि ये बीमार है और प्यार से इसका इलाज करना होगा, लेकिन हम उसका उल्टा करते हैं हम उससे नफरत करने लगते हैं, अगर हमारा बच्चा चिड़चिड़ा होता जा रहा है तो हम उसकी पिटाई कर देते हैं ये सोच कर कि वो बत्तमीजी कर रहा है। ऐसे ही हमारे Society में, हमारे कार्य स्थल पर भी होता है और हम उस व्यक्ति को ठीक करने के बजाए उससे नफरत करने में अपना समय गवाते हैं।

यह ऐसी बात है कि इसपर बहोत कुछ कहा और लिखा जा सकता है। सोचा जा सकता है।

*अपने दिमाक को Nutrition देने से मतलब है कि कुछ अच्छा पढना, कुछ अच्छा सुनना, कुछ अच्छा देखना, Meditation करना। और इस बात को हमेशा ध्यान में रखना की हम दिमागी स्तर पर कमजोर तो नहीं होते जा रहे हैं।*
◆ चिड़चिड़े तो नहीं होते जा रहे हैं।
◆ बिना वजह के गुस्सा तो नहीं हो रहे हैं।
◆ कहीं ज्यादा गुस्सा तो नहीं हो रहे हैं।
◆ किसी के बात का गलत तरीके से Reply नहीं कर रहे है।
◆ अपने Character को तो नहीं खोते जा रहे हैं।


अगर आपका कोई विचार हो इस बारे में तो प्लीज शेयर करें क्योंकि ये Topic हमारे Life से बहोत ज्यादा Close, हर  समय हर पल हम इस स्थिति से गुजर रहे हैं।


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