Law of Karma का मतलब की जो हम करते हैं उसके बदले में हमें Nature से जो वापस मिलता है।
हम जो कर रहे हैं वो सही है या गलत। या फिर कोई दूसरा जो कुछ काम कर रहा है तो वह सही है या गलत।
हर चीज का निर्णय इस बात से लगाया जा सकता है कि जो काम किया जा रहा है उसका उद्देश्य क्या था।
First Case :- मान लीजिए कि एक आदमी अपना चेहरा कपड़े से बांध कर दूसरे आदमी कि ओर चाकू लेकर चला आ रहा है और उसे मार दिया, अब यहाँ दो चीजें होने की संभावना है,एक ये कि जिसे चाकू लगा वो बच सकता है या मर सकता है।
लेकिन दोनों ही Condition में चाकू मारने वाला दोषी है क्योंकि उसका उद्देश्य मारना था।
Second Case:- एक आदमी अपना चेहरा कपड़े से ढके हुए ढेर सारे चाकू लेकर एक आदमी की ओर जा रहा है लेकिन वो डॉक्टर है उसने भी एक इंसान के ऊपर चाकू से कुछ किया और जिसे चाकू लगा वो, वो या तो मर सकता है या बच सकता है लेकिन यहां डॉक्टर दोषी नहीं है क्योंकि इसका उद्देश्य सामने वाले कि जान बचाना था यह Doctor अपने मरीज का Operation करने गया था।
ऐसी बहोत सी घटनाएं हमारे जीवन में होती रहती हैं, बहोत कुछ बिगड़ता है बहोत कुछ बनता है, कभी-कभी रिश्तों में भी ऐसा होता है, कुछ रिश्तें हमें तोड़ने पड़ते हैं कुछ अपने आप टूट जाते हैं लेकिन अगर उद्देश्य सही है तो सब कुछ सही है।
It means activity is not important what you are doing.
Intension is very important what you are doing.
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